अब विमानों में भी तैनात होंगे हथियारबंद मार्शल, हुआ समझौता

भारत और जर्मनी ने विमान अपहरण के किसी भी तरह के प्रयास को विफल करने के उद्देश्य से सोमवार को एक सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जिसके अनुसार दोनों देशों के बीच कुछ उड़ानों में सशस्त्र मार्शल तैनात रहेंगे।

प्रतीकात्मक चित्र

भारत और जर्मनी ने विमान अपहरण के किसी भी तरह के प्रयास को विफल करने के उद्देश्य से सोमवार को एक सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जिसके अनुसार दोनों देशों के बीच कुछ उड़ानों में सशस्त्र मार्शल तैनात रहेंगे।

सुरक्षा सहयोग पर एक और समझौते के साथ हुए इस करार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के बीच बातचीत से पहले हस्ताक्षर किए गए।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू और उनके जर्मन समकक्ष गुंटर क्रिंग्स ने ‘अल्प समयावधि के भीतर विमानों में सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती’ पर एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

आईएसआईएस आतंकवादी समूह से निपटने के लिए सहयोग
दोनों ने आईएसआईएस आतंकवादी समूह के खतरों और इससे निपटने के लिए सहयोग पर चर्चा की। रिजीजू ने क्रिंग्स का ध्यान भारत में गतिविधियां चला रहे आतंकवादी और उग्रवादी तत्वों, खासकर सिख उग्रवादियों से जुड़े लोगों और संगठनों की मौजूदगी और गतिविधियों की ओर खींचा।

भारतीय मंत्री ने क्रिंग्स से कहा, ‘‘जर्मनी में इस तरह के उग्रवादी तत्व भारत में उग्रवादी तत्वों की मदद के लिए अकसर अपने धर्मस्थलों का इस्तेमाल करते हैं। नफरत और आक्रोश भड़काने के लिहाज से जर्मनी में कई सिख धर्मस्थलों पर खालिस्तान के झंडे और हथियार लिए हुए आतंकवादियों की तस्वीरें खुलकर प्रदर्शित की जाती हैं।’’

जून-2015 में प्रकाशित संविधान संरक्षण की वार्षिक रिपोर्ट में जर्मनी में विदेशियों के उग्रवादी संगठनों की सूची में ‘उग्रवादी सिखों’ का विशेष उल्लेख किया गया है।

लेखक Bhasha
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