पेट्रोल 70 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ

ये नई कीमतें आज आधी रात से लागू होंगी, हालांकि इसमें स्थानीय शुल्क शामिल नहीं है। इस पर स्थानीय बिक्रीकर या वैट को निकालने के बाद वास्तविक दरें और कम होंगी। डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होने से तेल का आयात सस्ता हुआ है, जिसके मद्देनजर पेट्रोल के दाम घटाए गए हैं।

पेट्रोल कीमतों में आज 70 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है। यह इस महीने में पेट्रोल कीमतों में दूसरी कटौती है।

ये नई कीमतें आज आधी रात से लागू होंगी, हालांकि इसमें स्थानीय शुल्क शामिल नहीं है। इस पर स्थानीय बिक्रीकर या वैट को निकालने के बाद वास्तविक दरें और कम होंगी। डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होने से तेल का आयात सस्ता हुआ है, जिसके मद्देनजर पेट्रोल के दाम घटाए गए हैं।

दिल्ली में पेट्रोल का दाम 85 पैसे प्रति लीटर घटकर 71.41 रुपये लीटर हो गया है। इससे पहले 1 अप्रैल को यहां पेट्रोल के दाम 75 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई थी। उस समय पेट्रोल की कीमत 90 पैसे घटकर 72.26 रुपये प्रति लीटर पर आ गई थी।

मुंबई में कल से पेट्रोल 80 रुपये लीटर मिलेगा। फिलहाल इसका दाम 80.89 रुपये प्रति लीटर है। पेट्रोल कीमतों में कटौती की घोषणा करते हुए इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) ने कहा कि रुपये में लगातार आ रही मजबूती के चलते पेट्रोल के दाम कम हुए हैं। डीजल कीमतों में हालांकि कोई बदलाव नहीं हुआ है। पेट्रोलियम कंपनियां डीजल कीमतों में मासिक आधार पर संशोधन करती हैं।

सरकार ने जून, 2010 में पेट्रोल कीमतों को अपने नियंत्रण से मुक्त किया था। उसके बाद से पेट्रोलियम कंपनियां हर महीने की पहली व 16 तारीख को कीमतों में संशोधन करती हैं। वहीं सरकार ने पिछले साल जनवरी में पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल कीमतों में मासिक आधार पर 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ोतरी की अनुमति दी थी।

जनवरी, 2013 के बाद से डीजल के दामों में 14 बार में कुल 8.33 रुपये लीटर की वृद्धि की जा चुकी है। आईओसी ने कहा कि उसे अभी भी डीजल पर 5.33 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है।

लेखक NDTV Profit Desk
जरूर पढ़ें
1 बाजार में तेजी, निफ्टी 22,500 के करीब; बैंक, ऑटो में बढ़त
2 Brokerage View: M&M, HAL, बायोकॉन पर क्या कहते हैं ब्रोकरेज, कितना रखा टारगेट प्राइस?
3 शनिवार को भी खुलेगा शेयर बाजार, 18 मई को NSE-BSE में फिर से होगी DR साइट पर स्पेशल ट्रेडिंग
4 भारतीय इकोनॉमी इस साल 6.9% की दर से बढ़ेगी! UN ने बढ़ाया ग्रोथ अनुमान, क्‍या हैं कारण?