रघुराम राजन ने बैंकों की स्थिति सुधारने की दिशा में कई अहम कदम उठाए : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बैंकों के बहीखातों की साफ-सफाई और उनके 100 अरब डॉलर से अधिक के फंसे कर्ज की स्थिति में सुधार लाने के लिए रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा उठाए गए तमाम कदमों की सराहना की.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की फाइल तस्वीर

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बैंकों के बहीखातों की साफ-सफाई और उनके 100 अरब डॉलर से अधिक के फंसे कर्ज की स्थिति में सुधार लाने के लिए रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा उठाए गए तमाम कदमों की सराहना की.

निजी क्षेत्र के करूर वैश्य बैंक के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति ने कहा, 'आपने अक्सर बैंकिंग प्रणाली की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के बारे में सुना होगा, यह चिंता का विषय है. रिजर्व बैंक के गवर्नर पद से हाल ही में रिटायर हुए रघुराम राजन ने इस व्यवस्था को सही दिशा में ले जाने के लिए कई उपयुक्त कदम उठाए.'

उन्होंने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) उनके सकल ऋण के मुकाबले मार्च 2015 में 10.90 प्रतिशत थीं जो कि मार्च 2016 में बढ़कर 11.40 प्रतिशत हो गईं. एनपीए के लिए कुल प्रावधान 73,887 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,70,630 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

इसी तरह बैंकों का शुद्ध लाभ मार्च 2015 में जहां 79,465 करोड़ रुपये पर था, वह घटकर मार्च 2016 में 32,285 करोड़ रुपये पर आ गया. उन्होंने कहा कि एनपीए का बढ़ना 'अच्छी स्थिति' नहीं है. यह राशि जो कि कर्ज में फंसी है उसे भी वाणिज्यिक तौर पर वितरण के लिए उपलब्ध होना चाहिए. रिजर्व बैंक गवर्नर के पद पर तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद राजन 4 सितंबर, 2016 को रिटायर हो गए.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
जरूर पढ़ें
1 Lok Sabha Elections 2024: कम वोटर टर्नआउट का चुनाव के नतीजों पर नहीं पड़ेगा खास असर; एक्सपर्ट्स ने बताईं वजह
2 FIIs ने की 776 करोड़ रुपये की बिकवाली, वेदांता ने पहले अंतरिम डिविडेंड को मंजूरी दी
3 PVR Inox टी-20 वर्ल्ड कप मैचों को दिखाएगा, फिल्मों के फ्लॉप होने के बाद नई रणनीति