रघुराम राजन मेरे प्रेरणा स्रोत, भारत के लिए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण : आरबीआई के नए डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य

देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नवनियुक्त डिप्टी गवर्नर और प्रख्यात अर्थशास्त्री विरल आचार्य ने कहा है कि दुनिया में तीव्र गति से आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाला भारत एक आकषर्क देश है लेकिन समय चुनौतीपूर्ण है और उसके पास आर्थिक महाशक्ति बनने की पूरी क्षमता है.

रघुराम राजन मेरे प्रेरणा स्रोत, भारत के लिए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण : आरबीआई के नए डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य

देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नवनियुक्त डिप्टी गवर्नर और प्रख्यात अर्थशास्त्री विरल आचार्य ने कहा है कि दुनिया में तीव्र गति से आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाला भारत एक आकषर्क देश है लेकिन समय चुनौतीपूर्ण है और उसके पास आर्थिक महाशक्ति बनने की पूरी क्षमता है. बता दें कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की तरह आचार्य शैक्षणिक पृष्ठभूमि से आते हैं और उन्होंने राजन के साथ मिलकर कम-से-कम तीन शोध पत्र लिखे हैं. आचार्य ने हमेशा राजन के कामकाज की सराहना की और एक बार यह भी कहा था, ‘रघु मेरे लिये प्रेरणा के स्रोत हैं.’

42 साल के विरल आचार्य ने कहा कि वह रिजर्व बैंक में नीतियों में योगदान के जरिये भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद के अवसर को लेकर उत्साहित है. आरबीआई देश में स्थिर वृद्धि को सुनिश्चित कर सकता है. बता दें कि आचार्य 20 जनवरी को पदभार संभालेंगे. उनकी नियुक्ति तीन साल के लिये की गयी है. वह मौद्रिक नीति तथा शोध मामलों को देखेंगे. वह उर्जित पटेल का स्थान लेंगे जिन्हें रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाया गया है.

न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त विभाग में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर आचार्य ने कहा कि भारत एक आकषर्क देश है लेकिन समय चुनौतीपूर्ण है और दुनिया की तीव्र वृद्धि हासिल करने वाले देशों में एक होने के नाते उसके पास आर्थिक महाशक्ति बनने की पूरी क्षमता है. विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल की तरफ से जारी बयान के अनुसार, ‘मैं रिजर्व बैंक में नीतियों में योगदान के जरिये भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद के अवसर को लेकर उत्साहित हूं. आरबीआई देश में स्थिर वृद्धि को सुनिश्चित कर सकता है और साथ ही वैश्विक स्तर पर जिम्मेदार हो सकता है.’ अपनी नई भूमिका में आचार्य मौद्रिक नीति, विदेशी विनिमय तथा बाजार परिचालन के साथ-साथ शोध एवं सांख्यिकी को देखेंगे.

बता दें कि कि पिछले साल की बिजनेस जगत की तीन सबसे चर्चित भारतीय शख्सियतों में से एक रघुराम राजन आर्थिक से लेकर राजनीतिक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखते थे और यह भी वजह रही कि वे तमाम आलोचनाओं के निशाने पर आते गए. रिजर्व बैंक गवर्नर के पद पर अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद राजन साल 1992 के बाद के ऐसे पहले गवर्नर बताए जाते हैं जिनका पांच साल से कम का कार्यकाल रहा है. रिजर्व बैंक में इससे पहले गवर्नर रहे- डी. सुब्बाराव (2008-13), वाई वी रेड्डी (2003-08), बिमल जालान (1997-2003) और सी. रंगराजन (1992-1997). इन सभी का पांच साल का (तीन+दो साल) अथवा इससे अधिक का कार्यकाल रहा. अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान राजन ने बेबाक भाषण दिए और महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने मन की बात शैक्षणिक संस्थानों में रखी. (यहां क्लिक करके पढ़ें- अलविदा 2016- बिजनेस जगत के तीन सबसे चर्चित शख्स : रतन टाटा, साइरस मिस्त्री, रघुराम राजन)

लेखक NDTV Profit Desk
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