BMC Hikes Property Tax: मुंबई में 15% तक बढ़ेगा प्रॉपर्टी टैक्स बिल, रेडी रेकनर रेट में बढ़ोतरी का असर

पिछली बार प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी 2015-16 में की गई थी. BMC के नियमों के मुताबिक, हर पांच साल में टैक्स दरों की समीक्षा की जानी चाहिए.

महाराष्ट्र सरकार ने सभी प्रमुख नगर पालिकाओं में रेडी रेकनर दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. जिसकी वजह से मुंबई में प्रॉपर्टी टैक्स बिल में 15% की बढ़ोतरी हो गई है. ये बढ़ोतरी बीते 10 साल में पहली बार देखने को मिली है. इसका सीधा असर मुंबई के 9 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी मालिकों पर पड़ा है, क्योंकि अब उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.

प्रॉपर्टी टैक्स में 15% बढ़ोतरी का मतलब ये हुआ कि कोई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी जो अबतक 10,000 रुपये का टैक्स दे रही थी, अब उसे 11,500 रुपये टैक्स देना होगा, लेकिन कई इलाकों में लोगों को 23% से 40% तक बढ़ा हुआ टैक्स बिल मिला है. जिससे लोगों में रोष पैदा हो गया है.

प्रॉपर्टी टैक्स नहीं बढ़ाया, RRR का असर

मुंबई के म्युनिसिपल कमिश्नर भूषण गगरानी ने साफ किया है कि मुंबई की मौजूदा प्रॉपर्टी टैक्स में कोई संशोधन या बदलाव नहीं किया गया है. उन्होंने साफ किया कि BMC ने प्रॉपर्टी टैक्स की दरें नहीं बढ़ाई हैं. मुंबई में प्रॉपर्टी टैक्स सीधे RRR से जुड़ा हुआ है. इसलिए, रेडी रेकनर रेट में बढ़ोतरी को बढ़ाने के सरकार के फैसले ने मुंबई में प्रॉपर्टी टैक्स पर असर डाला है. जिसकी वजह से नगरपालिका वार्ड्स् में 8-20% की बढ़ोतरी हुई है. बिल में सीवेज चार्ज वगैरह जैसे सभी कंपोनेंट रहते हैं. नई टैक्स दरें चालू वित्त वर्ष में जारी किए जा रहे बिलों में दिखाई देंगी.

रेडी रेकनर का रोल

प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ोतरी की वजह मार्च 2025 में रेडी रेकनर दरों में औसतन 3.88% की बढ़ोतरी को बताया गया है, जिसके आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स तय होता है. हालांकि, 500 वर्ग फुट से छोटे घरों को इस बढ़ोतरी से पूरी तरह छूट दी गई है, जिससे करीब 3.6 लाख लोग प्रभावित नहीं होंगे.

प्रॉपर्टी टैक्स बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की ओर से लगाया जाने वाला एक सेस है, जिसमें कई कंपोनेंट शामिल होते हैं. जबकि इस सेस का बड़ा पहलू रेडी रेकनर दर (RRR) या मिनिमम प्रॉपर्टी वैल्यू होता है जिसे रेवेन्यू कलेक्शन के लिए सरकार की ओर से तय किया जाता है. बाकी वैल्युएशन संपत्ति की आयु और स्थिति और सीवरेज शुल्क जैसे फैक्टर्स से तय किया जाता है.

पिछली बार प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी 2015-16 में की गई थी. BMC के नियमों के मुताबिक, हर पांच साल में टैक्स दरों की समीक्षा की जानी चाहिए. हालांकि, 2020 में कोविड-19 महामारी और उसके बाद की राजनीतिक कारणों की वजह से ये बढ़ोतरी हमेशा टलती रही. साल 2024 में, BMC ने घोषणा की थी कि 2025 में पांच साल का चक्र पूरा होने के कारण टैक्स दरों में बदलाव करना सही रहेगा.

इस बीच, इस साल नगर निगम के बजट में, BMC ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (SWM) चार्ज नाम से एक नया सेस पेश किया है, जो कि 2026-27 से लागू हो सकता है.

BMC ने नागरिकों से अपील की है कि वे BMC पोर्टल पर जाकर अपनी जानकारी अपडेट करें और KYC प्रक्रिया पूरी करें ताकि उन्हें सही समय पर टैक्स से जुड़ी सूचनाएं मिल सकें.