Knight Frank Affordability Index: मुंबई में घर खरीदना थोड़ा आसान हुआ, लेकिन अब भी दूर का सपना; बड़े शहरों में अहमदाबाद सबसे ज्यादा अफोर्डेबल

नाइट फ्रैंक के अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स के मुताबिक देश के 8 बड़े शहरों में 2024 के पहले हाफ में अफोर्डेबिलिटी स्थिर रही है. ये 2023 दिसंबर के स्तर पर ही है.

प्रतीकात्मक फोटो

भारत के बड़े शहरों में घर खरीदने के हिसाब से अहमदाबाद सबसे किफायती शहर बना हुआ है. जबकि मुंबई पहले की तरह सबसे महंगा है. हालांकि मुंबई में घर खरीदना पिछले 4 साल में काफी अफोर्डेबल हुआ है.

नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 8 बड़े शहरों में 2024 के पहले हाफ में अफोर्डेबिलिटी स्थिर रही है. ये 2023 दिसंबर के स्तर पर ही है.

दरअसल ये खुलासा इस रिपोर्ट में जारी किए अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स के आधार पर हुआ है. अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स में 'महीने की EMI का कुल आय' से रेश्यो मापा जाता है.

8 बड़े शहरों में अहमदाबाद (21% रेश्यो) सबसे सस्ता है, इसके बाद 24% रेश्यो के साथ पुणे और कोलकाता का नंबर है.

मुंबई में थोड़ा आसान हुआ घर खरीदना

51% रेश्यो वाली मुंबई सबसे महंगी है. मतलब औसतन यहां घर खरीदने के लिए किसी व्यक्ति को अपनी आय का करीब 51% हिस्सा EMI में देना पड़ता है. हालांकि मुंबई में अफोर्डेबिलिटी में सबसे ज्यादा सुधार हुआ है, जहां ये 2019 की तुलना में इंडेक्स में 15% गिरावट आई है.

बता दें 50% से ज्यादा रेश्यो को अनअफॉर्डेबल माना जाता है. क्योंकि ये वो लिमिट होती है, जिसके ऊपर बैंक बहुत मुश्किल से लोन देते हैं.

कुलमिलाकर इस रिपोर्ट से इन बड़े शहरों में बड़ी असमानता सामने आती है.

2019 की तुलना में टॉप-8 शहरों में ओवरऑल अफोर्डेबिलिटी में सुधार हुआ है. अहमदाबाद और हैदराबाद में घर लेना आसान हुआ है, जहां इंडेक्स में EMI रेश्यो 4% गिरा है.

जबकि कोलकाता में 2019 में अफोर्डेबिलिटी रेश्यो 32% था, जो अब सुधरकर 2024 के पहले हाफ में 24% हो गया है. वहीं NCR और बेंगलुरु में इस अवधि में अफोर्डेबिलिटी रेश्यो 6% कम हुआ है.

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