महाराष्‍ट्र में हाउसिंग प्रोजेक्‍ट्स के विज्ञापनों में आज से QR कोड जरूरी, ताकि घर खरीदारों के साथ न हो धोखाधड़ी!

सर्कुलर के अनुसार, बिल्‍डर्स-प्रोमोटर्स को हा‍उसिंग प्रोजेक्‍ट से सभी विज्ञापनों में QR Code को प्रमुखता से डिस्‍प्‍ले करना होगा.

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महाराष्‍ट्र में आज से बिल्‍डर्स के लिए किसी भी हाउसिंग प्रोजेक्‍ट के विज्ञापनों में प्रोजेक्‍ट रजिस्‍ट्रेशन नंबर और क्‍यूआर कोड (QR Code) डालना अनिवार्य होगा.

प्रिंट मीडिया यानी अखबारों और पत्रिकाओं में दिए गए विज्ञापनों पर, TV या अन्‍य वीडियो एड्स (Ads) पर , डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया टेम्‍पलेट्स, पैंपलेट्स, होर्डिंग, बैनर-पोस्‍टर या अन्‍य किसी भी तरह के एड कैंपेन डिस्‍प्‍ले पर ये नियम लागू होगा.

रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी न हो, इसके लिए महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (MahaRERA) ने 29 मई को इस संबंध में आदेश जारी किया था और फिर 25 जुलाई को एक बार फिर सर्कुलर जारी किया.

QR कोड में क्‍या डिटेल्‍स होंगी?

महारेरा की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, बिल्‍डर्स और प्रोमोटर्स को हा‍उसिंग प्रोजेक्‍ट से संबंधित सभी विज्ञापनों में QR Code को प्रमुखता से डिस्‍प्‍ले करना होगा. प्रोजेक्‍ट के क्‍यूआर कोड को स्‍कैन कर उसके बारे में तमाम महत्‍वपूर्ण जानकारियां पता चल जाएंगी.

प्रोजेक्‍ट के क्यूआर कोड में मंजूरी, प्रोजेक्‍ट के शुरू होने और पूरा होने की तारीख, प्रोजेक्‍ट रीन्‍यू डेट, अनुमोदित योजनाओं में संशोधन, प्रोजेक्‍ट या बिल्‍डर के खिलाफ दायर कराई गई किसी तरह की शिकायतें समेत सारी अहम जानकारियां इसमें शामिल होंगी.

यहां देखें महाराष्‍ट्र रेरा का सर्कुलर

इससे लोगों को क्‍या फायदे होंगे?

हाउसिंग प्रोजेक्‍ट्स को लेकर अक्‍सर तरह-तरह की शिकायतें आती रहती हैं. जैसे, किसी को तय समय पर पजेशन नहीं मिला हो, घर खरीदते समय सुविधाओं को लेकर जो दावे किए गए थे, उनमें कमी हो, प्रोजेक्‍ट के विवाद में फंसने के चलते पैसा अटक गया हो.

बहुत सारे बिल्‍डर्स प्रोजेक्‍ट को लेकर काफी लुभावने विज्ञापन जारी करते हैं, जिनमें तमाम तरह के झूठे दावे भी किए जाते हैं. ऐसे में घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी होने की संभावना रहती है.

जाहिर-सी बात है कि QR कोड को स्‍कैन करते ही ग्राहकों को प्रोजेक्‍ट के बारे में तमाम डिटेल्‍स पता चल जाएंगी. महाराष्‍ट्र रेरा के अनुसार, 'घर खरीदार किसी भी हाउसिंग प्रोजेक्ट के क्यूआर कोड को स्कैन कर सकेंगे और बिल्डर को कॉल करने या डेवलपर की साइट पर जाने के बजाय तत्काल जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.'

अपडेट होती रहेंगी प्रोजेक्‍ट्स की जानकारी

महाराष्‍ट्र रेरा के अनुसार, उसने मार्च 2023 से ही रजिस्‍टर्ड प्रोजेक्‍ट्स के लिए QR कोड जारी करना शुरू कर दिया था. रेरा की गाइडलाइन्‍स के अनुसार, प्रोमोटर्स को हर 3 से 6 महीने में प्रोजेक्‍ट का स्‍टेटस अपडेट करना होगा. उन्‍हें प्रोजेक्‍ट्स की वर्तमान स्थिति और अन्य जानकारियां शामिल होंगी. ऐसे में सारी जानकारियां अपडेट होंगी और ग्राहकों को उचित निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

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