बढ़ती तेल कीमतों के बीच लाल निशान के साथ खुले शेयर बाजार

देश के शेयर बाजार सोमवार को सपाट ही खुले. सुबह करीब 9.20 बजे सेंसेक्स 18 अंक नीचे 34830 पर कारोबार कर रहा था जबकि निफ्टी 6 अंक नीचे 10590 पर कारोबार कर रहा था. मेटल, बैंक, तेल आदि के शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे. जबकि बाकी शेयर लाल निशान में दिख रहे हैं. भारतीय स्टेट बैंक तथा सिप्ला जैसी प्रमुख कंपनियों के चौथी तिमाही परिणाम, कच्चे तेल के दाम में तेजी तथा मुद्रास्फीति पर उसके प्रभाव के चलते इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होने की उम्मीद जानकार कर रहे हैं.

शेयर बाजार.

देश के शेयर बाजार सोमवार को सपाट ही खुले. सुबह करीब 9.20 बजे सेंसेक्स 18 अंक नीचे 34830 पर कारोबार कर रहा था जबकि निफ्टी 6 अंक नीचे 10590 पर कारोबार कर रहा था. मेटल, बैंक, तेल आदि के शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे. जबकि बाकी शेयर लाल निशान में दिख रहे हैं. देश के शेयर बाजारों के शुरुआती कारोबार में सोमवार को मिला-जुला रुख है. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 10.1 बजे 18.08 अंकों की मजबूती के साथ 34,866.38 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 2.85 अंकों की गिरावट के साथ 10,593.55 पर कारोबार करते देखे गए. 

बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 24.86 अंकों की मजबूती के साथ 34873.16 पर, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 20.3 अंकों की बढ़त के साथ 10,616.70 पर खुला.

भारतीय स्टेट बैंक तथा सिप्ला जैसी प्रमुख कंपनियों के चौथी तिमाही परिणाम, कच्चे तेल के दाम में तेजी तथा मुद्रास्फीति पर उसके प्रभाव के चलते इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होने की उम्मीद जानकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि कर्नाटक में राजनीतिक गतिविधियों का शेयर बाजारों पर प्रभाव अल्पकालिक होगा. राज्य में तीन दिन पुरानी बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई में भाजपा सरकार ने शक्ति परीक्षण से पहले इस्तीफा दे दिया. 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा , ‘‘ कर्नाटक में राजनीतिक गतिविधियों का प्रभाव अल्पकालीन होगा. इसका 2019 के आम चुनावों पर असर पड़ने की संभावना नहीं है. अब से लेकर मध्य प्रदेश , राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों तक राजनीति के बजाए अर्थशास्त्र बाजार को दिशा देगा. ’’ 

उन्होंने कहा कि बाजार को तत्कालिक चिंता कच्चे तेल का 80 डालर प्रति बैरल पर पहुंचने तथा उसका मुद्रास्फीति पर पड़ने वाला प्रभाव , ब्याज दर , विनिमय दर तथा जीडीपी वृद्धि दर को लेकर है. 

विजयकुमार ने कहा , ‘‘ कच्चे तेल के दाम में वृद्धि से वृहत आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के साथ बाजार में तेजी पर विराम लगा है. अगर कच्चे तेल का भाव लगातार बढ़ता है और 85 डालर के ऊपर जाता है तो बाजार में बिकवाली देखने को मिलेगी. अन्यथा बाजार सीमित दायरे में कारोबार करेगा. ’’ 

कोटक सिक्योरिटीज लि . की उपाध्यक्ष टीना विरमानी ने कहा , ‘‘ कच्चे तेल के दाम में वृद्धि , बांड पर रिटर्न तथा डालर में मजबूती का राजकोषीय घाटे, मुद्रास्फीति तथा आरबीआई नीति पर पड़ने वाला प्रभाव बाजार के लिये कुछ समय से चिंता का कारण बना हुआ है. कच्चे तेल के दाम में और तेजी तथा बांड पर रिटर्न बढ़ने से बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. 

एक अन्य बाजार विशेषज्ञ के अनुसार बाजार किस करवट लेगा , इसके लिये निवेशकों की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे तथा अमेरिकी रोजगार आंकड़ों पर नजर होगी. 

सप्ताह के दौरान सिप्ला, डा. रेड्डी, स्टेट बैंक, जेट एयरवेज, टाटा मोटर्स, इंडियन आयल और गेल के परिणाम जारी होंगे. इन पर भी बाजार की नजर रहेगी. 

शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 687.49 अंक यानी 1.93 प्रतिशत टूटा और सप्ताह के अंतिम दिन 34,848.30 पर बंद हुआ.

लेखक NDTVKhabar News Desk
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