शेयर बाजार : रुपये की दिशा पर रहेगी नजर

पिछले कुछ दिनों से एफआईआई ने देश के शेयर बाजारों में लगातार बिकवाली की है। 29 अगस्त तक एफआईआई ने महीने में कुल 5,922.50 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की है।

शेयर बाजार में निवेशकों की निगाह अगले सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपये की दिशा पर रहेगी। इसके साथ ही निवेशक विदेशी संस्थागत निवेशकों की गतिविधि पर भी निगाह बनाए रखेंगे। अगले सप्ताह वाहन और सीमेंट कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी, क्योंकि ये कंपनियां 1 सितंबर से अगस्त महीने में हुई बिक्री के आंकड़े जारी करेंगी।

पिछले कुछ दिनों से एफआईआई ने देश के शेयर बाजारों में लगातार बिकवाली की है। 29 अगस्त तक एफआईआई ने महीने में कुल 5,922.50 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की है।

देश की मुद्रा रुपये में डॉलर के मुकाबले पिछले कुछ महीने से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था में बेहतरी का संकेत मिलने के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा धीमे-धीमे वित्तीय राहत को समाप्त करने का संकेत देने के बाद से ही रुपये के मूल्य में गिरावट दर्ज की जा रही है। मई महीने के बाद से रुपये में डॉलर के मुकाबले करीब 20 फीसदी गिरावट दर्ज की जा चुकी है। बुधवार को रुपये ने 68.85 का ऐतिहासिक निचला स्तर छू लिया। शुक्रवार को यह 66.8 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।

अगले सप्ताह 5 सितंबर को रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक की कमान नए गवर्नर के रूप में संभालेंगे। उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए की गई है।

सीरिया संकट पर भी अगले सप्ताह ध्यान लगा रहेगा। सीरिया संकट के कारण मध्य पूर्व से देश को तेल की आपूर्ति बाधित होने का अनुमान है। इसके कारण शेयर बाजार में तेज बिकवाली की स्थिति बन सकती है।

शुक्रवार को शेयर बाजार बंद होने के बाद जारी मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही की विकास दर का असर अगले सप्ताह शेयर बाजार पर दिखाई पड़ेगा। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रथम तिमाही में देश की विकास दर 4.4 फीसदी रही, जो 2009 से अब तक वर्ष की पहली तिमाही के लिए सबसे कम है।

इस साल बेहतर बारिश के कारण कृषि उपज बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है। उपज बेहतर रहने से ग्रामीणों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग में तेजी आएगी। इसके अलावे आगामी त्यौहारी सत्र के कारण भी खुदरा बाजार में तेजी रहने के आसार हैं। खास तौर से वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र की कंपनियां दूसरी और तीसरी तिमाही में अच्छा कारोबार कर सकती हैं।

आने वाले कुछ सप्ताहों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है।

वर्ष 2013-14 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलने की उम्मीद है। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिली जुली हो सकती है। जिसके कारण सुधार प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। इसका असर वित्तीय घाटा प्रबंधन पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है, और वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।

बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़े पैमाने पर शेयरों में तेज गिरावट चल रही है, इसे देखते हुए निवेशक बॉटम अप की रणनीति अपना सकते हैं। यानि वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाय खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।

लेखक NDTV Profit Desk
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