रिटायरमेंट : इन योजनाओं को समझें, फैसला लें और निवेश करें क्योंकि उम्र बीतते देर नहीं लगती....

उम्र बीतते देर नहीं लगती. जिस उम्र में रिटायरमेंट के लिए सही प्लानिंग करके उस पर दिन प्रतिदिन के हिसाब से अमलीजामा पहना देना चाहिए, हम अक्सर अन्य ही कामों में उलझे रहते हैं. बेहतर होगा कि सेवानिवृत्ति के दौर से पूर्व कुछ सही फैसले ले लिए जाएं. आइए आज हम आपको पिछले कुछ दिनों में सबसे अधिर सुर्खियों में रहीं रिटायरमेंट स्कीम्स के बारे में बताएं ताकि आप खुद फैसला ले सकें कि आपको किसमें कितना निवेश कर लेना चाहिए.

रिटायरमेंट प्लानिंग (Saving schemes for old age) करनी है बेहद जरूरी, जानें (प्रतीकात्मक फोटो)

उम्र बीतते देर नहीं लगती. जिस उम्र में रिटायरमेंट के लिए सही प्लानिंग करके उस पर दिन प्रतिदिन के हिसाब से अमलीजामा पहना देना चाहिए, हम अक्सर अन्य ही कामों में उलझे रहते हैं. बेहतर होगा कि सेवानिवृत्ति के दौर से पूर्व कुछ सही फैसले ले लिए जाएं. आइए आज हम  आपको पिछले कुछ दिनों में सबसे अधिर सुर्खियों में रहीं रिटायरमेंट स्कीम्स के बारे में बताएं ताकि आप खुद फैसला ले सकें कि आपको किसमें कितना निवेश कर लेना चाहिए.

वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना 2017

हाल ही में 'वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना 2017' को मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. यह जल्द ही लॉन्च भी कर दी जाएगी.  8% रिटर्न देने वाली यह स्कीम 60 साल और उससे अधिक आयु वर्ष के लोगों (वरिष्ठ नागरिकों) के लिए शुरू की गई है जिसका कार्यान्वयन एलआईसी (LIC) करेगी. एलआईसी गारंटी के साथ 10 साल के लिए 8 प्रतिशत रिटर्न उपलब्ध करवाएगी. इसके तहत पेंशन के लिए मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना आधार पर भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं.

फाइनैंशल प्लानर्स के मुताबिक, आने वाले समय में ब्याज दरों में और अधिक कटौती होनी है और ऐसे में 8 फीसदी की पेंशन स्कीम निवेश का अच्छा मौका है. हालांकि इस योजना से प्री-मच्योर विदड्रॉल को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं की गई है. वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना 2017 केंद्र सरकार का पेंशन प्लान है इसलिए इसमें निवेश थोड़ा जोखिमभरा तो है ही. हालांकि अटकलें लग रही हैं कि चूंकि ब्याज दरें लगातार कम हो ही रही हैं, तो ऐसे में इसमें भी ब्याज दर घटाई जा सकती है.

नेशनल पेंशन स्कीम यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना

सरकार की एक और स्कीम है- नेशनल पेंशन स्कीम यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना. पहले इसमें भागीदारी के लिए आपको न्यूनतम सालाना निवेश छह हजार रुपए करना जरूरी होता था लेकिन नए नियम के तहत न्यूनतम सालाना निवेश की सीमा एक हजार रुपए कर दी गई है. एनपीएस सभी नागरिकों के लिए है, ताकि रिटायरमेंट के बाद लोग अपना जीवनस्तर बनाए रख सकें और उन्हें पैसों की तंगी न हो. एनपीएस में मार्केट लिंक्‍ड स्‍कीम है, ऐसे में इसका रिटर्न शेयर बाजार की चाल पर निर्भर करता है. इसका रिटर्न फंड मैनेजरों के प्रदर्शन पर निर्भर रहता है. इक्विटी में निवेश के कारण एनपीएस पर रिटर्न निश्चित नहीं होता. बजाज कैपिटल के बिजनेस हेड उत्तम अग्रवाल के मुताबिक,  80CCD1 के तहत इसमें निवेश से टैक्स बेनिफिट भी मिलेगा. टैक्स बेनिफिट 50 हजार रुपए तक की रकम के निवेश पर मिलेगा. एनपीएस में लगाई गई रकम को 80C के तहत भी दिखा सकते हैं और यदि आपने वह निवेश ऑलरेडी कर लिया है तो एनपीएस में किया गया निवेश आपको 50 हजार रुपए तक की अतिरिक्त छूट दिला सकता है. मृत्यु के बाद नॉमिनी यानी फैमिली को यह पैसा मिल सकता है.

एनपीएस के तहत, आपके पैसे का निवेश कहां हो, यह खुद आपकी पसंद पर निर्भर करेगा. इसमें निवेश चाहे साल में एक बार या फिर हर महीने या अपनी सुविधानुसार निवेश कर सकते हैं. ऐसे में इसके किसी भी पेंशन फंड के मुकाबले यह सबसे कम खर्च वाली स्कीम है. यानी, इसे मैनेज करने के लिए खर्च बहुत कम होगा. इसमें लगाया हुआ आपका पूरा पैसा आपको वापस मिलता है. यह आपको पेंशन के रूप में हर माह वापस मिलता रहेगा. इसमें से कुछ आप जरूरत और नियमानुसार वापस भी ले सकते हैं. एनपीएस के बारे में एक अच्छी बात यह भी कि अगर आप अपना निवास बदलते हैं तो भी आपको नया खाता खोलने की आवश्यकता नहीं होगी. आपको एक यूनिक स्थाई सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) आवंटित किया जाएगा. आप भारत में किसी भी स्थान से इस खाते को संचालित कर सकेंगे.

इक्विटी और इंश्योरेंस में निवेश

इन योजनाओं के अलावा, आप कुछ और रास्ते हैं जहां पर आप निवेश करके अपने भविष्य को सुरक्षित रखने की कोशिश कर सकते हैं. इसमें से एक है इक्विटी में निवेश. हालांकि सेवानिवृत्ति प्लान के हिसाब से ये बहुत अधिक उपयुक्त नहीं माने जाते लेकिन अगर आप जल्दी शुरू करते हैं तो ये निवेश उछाल दे सकता है. इसके अलावा बीमा (इंश्योरेंस) में भी निवेश किया जा सकता है. मगर विशेषज्ञ कहते हैं कि इसे केवल जोखिम-सुरक्षा के रूप में प्रयोग करना चाहिये, न कि एक निवेश के माध्यम के रूप में.

कर्मचारी भविष्य निधि और साविधि जमा योजना में निवेश

पीएफ (प्रॉविडेंट फंड) में भी निवेश को यथावत और नियमित रूप से बनाए रखना चाहिए. यह भी आपको रिटायरमेंट के बाद के समय के लिए पैसे की तंगी नहीं होने देगा बशर्ते आपने इसमें से बीच बीच में धन न निकाला हो और इसमें नियमित कंट्रीब्यूशन होता रहा हो.

फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय साधन माना जाता है भले ही समय समय पर इस पर मिलने वाला ब्याज कम बढ़ती होता रहता हो. लेकिन सरकार के नोटबंदी यानी 500 और 1000 रुपए के नोटों को बैन करने के फैसले के बाद एफडी की दरें घटी हैं. वैसे यदि एफडी करवाते हैं तो यह दीर्घकालीन लिहाज से करवानी चाहिए, खासतौर से तब यदि वह सालाना या मासिक आधार पर इंट्रेस्ट रेट के माध्यम से आय चाहते हों. (बैंक में एफडी संबंधी ये पांच नियम जानते हैं आप?)

कुछ फाइनेंशल प्लानर मानते हैं कि निवेशकों को सरकार के 8% सेविंग्स (टैक्सेबल) बॉन्ड्स में निवेश करना चाहिए. इनमें सालाना की दर से 8 फीसदी ब्याज मिलता है.

लेखक NDTV Profit Desk
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