TB in India: खुले में थूकने की आदत से देश में बढ़े टीबी के मरीज! दुनिया के 27% पेशेंट भारत में

दुनिया में हर मिनट टीबी के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और विश्व स्तर पर भारत में इसकी दर सबसे अधिक है.

Source: Canva/Apex Group

खांसी अगर 2 हफ्ते से ज्‍यादा होने के बाद भी खत्‍म नहीं हो रही तो ये टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis), तपेदिक या क्षयरोग का लक्षण हो सकता है. किसी को जब टीबी जांच के लिए कहा जाता है तो उनके लिए ये स्‍वीकार कर पाना मुश्किल हो जाता है! 'मुझे कैसे टीबी हो सकता है?' इस चक्‍कर में देर हो सकती है.

WHO और वर्ल्‍ड टीबी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछली कुछ सदी से संक्रमण और मृत्‍यु दर के मामले में टीबी प्रमुख संक्रामक रोग साबित हुआ है. दुनिया में हर मिनट टीबी के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और विश्व स्तर पर भारत में इसकी दर सबसे अधिक है.

लोगों में खुले में थूकने की जो आदत (Open Spitting Culture) है, उसने भी देश में टीबी बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है. .

सबसे ज्‍यादा टीबी मरीज भारत में

WHO के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के 64% टीबी मरीज, 7 देशों (भारत, इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, नाइजीरिया, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका) में पाए जाते हैं.

27%
टीबी मरीज हैं भारत में.

चिंता की बात ये भी है कि ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2023 के अनुसार, साल 2022 में देश में टीबी के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए. दुनिया के कुल टीबी मरीजों में 27% मरीज भारत में ही हैं.

महाराष्‍ट्र में गंभीर स्थिति

वहीं, देश में सबसे ज्‍यादा टीबी मरीज महाराष्‍ट्र में हैं. एपेक्स ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 12 करोड़ से अधिक आबादी वाले महाराष्ट्र में 2.5 लाख से अधिक टीबी मरीज होने की उम्मीद है.

2.5 लाख
से ज्‍यादा टीबी मरीज हैं केवल महाराष्‍ट्र में..

इनमें से करीब 1 लाख निजी डॉक्टर्स से, जबकि बाकी मरीज राज्य और नगर निगम की हेल्‍थ केयर यूनिट्स में इलाज कराते हैं. 2022 में महाराष्ट्र में कुल 2.33 लाख टीबी मरीज पाए गए थे. इनमें छोटे गांवों और दूरदराज के इलाकों के टीबी मरीजों की संख्या शामिल नहीं है.

खुले में थूकने से फैलता है संक्रमण

टीबी संक्रामक रोग है और इसका संक्रमण कई तरह से फैलता है. इसकी एक वजह खुले में थूकना भी है. सार्वजनिक जगहों पर खुले में थूकने की मनाही और जुर्माने के प्रावधानों के बावजूद, सड़क पर जहां-तहां खुले में थूकते लोग हर जगह आसानी से दिख जाते हैं.

क्षय रोग के रोगाणु (Mycobacterium Tuberculosis) सूक्ष्म होते हैं जो संक्रामक (Sputum-Infected) टीबी मरीज की श्वास नली (Respiratory Secretions) में मौजूद होते हैं. मरीज जब खांसता-छींकता या थूकता है तो ये बाहर की हवा के साथ मिश्रित होकर और सांस के माध्यम से अन्य लोगों के शरीर में प्रवेश करता है. इससे सामने वाला व्‍यक्ति भी टीबी से संक्रमित हो जाता है.
डॉ पार्थिव शाह, चेस्ट फिजिशियन (Pulmonologist), एपेक्स ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स

चूंकि हमारे यहां स्पिटिंग कल्‍चर यानी खुले में थूकना आम है, ऐसे में टीबी के रोगाणु आसानी से फैल जाते हैं.

इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर हुआ तो खतरा!

हालांकि टीबी से संक्रमित होने के बाद किसी व्यक्ति में टीबी का मर्ज और बढ़ेगा, विकसित होगा या नहीं, ये उसकी शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है. व्‍यक्ति का इम्‍यून सिस्‍टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है, तो संक्रमण के बावजूद बीमारी नहीं होती. लेकिन यदि इम्‍यू‍न सिस्‍टम कमजोर है तो संक्रमण के तुरंत बाद या कुछ समय बाद टीबी विकसित हो सकता है.

Also Read: X-Ray देखकर बीमारी बताएगा AI, जानिए क्या है Google की बड़ी तैयारी?