पहले बहुत ज्यादा गर्मी और फिर बारिश के चलते बागानों में बाढ़ जैसी स्थिति ने देश में चाय उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसका चाय की कीमतों पर बड़ा असर पड़ा है. चाय बोर्ड ने आपूर्ति में कमी के कारण चाय की कीमतों में साल-दर-साल 20% की बढ़ोतरी की रिपोर्ट दी है.
चाय बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, जून के आखिरी हफ्ते में चाय की औसत कीमत 217.53 रुपये/किलो हो गई, जो कि जून 2023 में 181.22 रुपये/किलो थी. ये चाय की कीमतों में सीधे-सीधे 20% की बढ़ोतरी है.
कितना कम हुआ उत्पादन?
केडिया एडवायजरी के मुताबिक, देश में असम राज्य का चाय उत्पादन पिछले साल की तुलना में इस साल 10 करोड़ किलोग्राम कम हो गया है.
2023 में चाय का उत्पादन 139.4 करोड़ किलोग्राम दर्ज किया गया था, जबकि साल 2024 में ये करीब 7.2% घट कर 129.40 करोड़ किलो रहने की उम्मीद है.
मई में चाय के उत्पादन में 30% की गिरावट आई, जो 9.09 करोड़ किलोग्राम के निचले स्तर पर पहुंच गई.
20 कीटनाशकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले ने भी उत्पादन को प्रभावित किया है. उत्पादन में कमी के कारण कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीद है.
बता दें कि देश के कुल चाय उत्पादन का आधा से ज्यादा हिस्सा जुलाई से अक्टूबर के बीच काटा जाता है.
चाय शेयरों में उछाल
चाय की कीमतें फिलहाल 20% बढ़ी हैं और आगे भी कीमतें ऊपर ही रहने का अनुमान है. इससे मंगलवार को चाय शेयरों में 10% से 15% के बीच जोरदार तेजी देखने को मिली.
निर्यात पहले की तुलना में बढ़ा
कीमतें बढ़ने का असर चाय के निर्यात पर नहीं पड़ा है. कारण कि कीटनाशकों पर प्रतिबंध के बाद खरीदार अपने ऑर्डर बढ़ा रहे हैं.
साल 2024 के पहले चार महीनों यानी में भारत का चाय निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में 37% बढ़कर 9.2 करोड़ किलोग्राम हो गया.
रिपोर्ट के अनुसार, CTC ग्रेड की चाय मुख्यत: ब्रिटेन और इजिप्ट को निर्यात किया गया.
हालांकि आर्थिक रूप से कमजोर और कर्ज में डूबे चाय उत्पादकों को उत्पादन के चरम महीनों के दौरान संभावित खरीदारों के साथ बातचीत करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.