वेदांता के एल्‍युमिनियम प्‍लांट में वाटर फैसिलिटी ओवरफ्लो, वायदा भाव चढ़े; कंपनी बोली- उत्‍पादन पर असर नहीं!

एल्युमिना की सप्‍लाई और कीमतें एल्युमिना उत्पादकों के लिए एक बढ़ती हुई चिंता बन गई हैं.

Source: NDTV

ओडिशा के लांजीगढ़ में वेदांता (Vedanta Ltd.) के एक प्‍लांट में भारी बारिश के चलते वाटर स्‍टोरेज फैसलिटी ओवरफ्लो हो गई. हालांकि वेदांता का कहना है कि इससे एल्यूमिना के उत्‍पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कहा है कि रविवार को एक प्‍लांट में वाटर स्‍टारेज फैसिलिटी के ओवरफ्लो होने के बावजूद उसके एल्यूमिना उत्पादन पर किसी भी तरह का असर होने की उम्‍मीद नहीं है.

कंपनी के प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए ब्‍लूमबर्ग को बताया कि ओडिशा में लांजीगढ़ रिफाइनरी में कामकाज में कोई बाधा नहीं है और कंपनी को नहीं लगता कि इस घटना से भविष्य में एल्यूमिना उत्पादन के स्तर पर कोई असर पड़ेगा.

एल्यूमिनियम वायदा 3% तक उछला

इससे पहले इस घटना की रिपोर्ट के बाद लंदन मेटल एक्सचेंज पर एल्यूमिनियम वायदा में 3% तक की बढ़ोतरी हुई. इस आशंका के चलते कि पहले से ही टाइट मार्केट में महत्वपूर्ण कच्चे माल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है.

एल्यूमिना, बॉक्साइट से प्रोसेस्‍ड एक इंटरमीडिएट प्रोडक्‍ट है, जिसे एल्यूमिनियम बनाने के लिए स्मेल्टर में डाला जाता है. हाल के वर्षों में ये ग्‍लोबल कमोडिटी सप्‍लाई चेन का का एक विशेष रूप से कमजोर कॉर्नर साबित हुआ है, जो रूस के टॉप प्रॉड्यूसर पर प्रतिबंधों से लेकर (जिन्हें बाद में हटा दिया गया) प्रमुख रिफाइनरीज में व्यवधानों तक, हर चीज से प्रभावित हुआ है.

'जान-माल का नुकसान नहीं'

वेदांता ने कहा कि क्षेत्र में बहुत भारी बारिश के बाद वाटर स्‍टोरेज फैसिलिटी ओवरफ्लो हुई. किसी भी व्यक्ति को चोट या पशुधन के नुकसान की सूचना नहीं मिली है. हालांकि ओवरफ्लो से खेती प्रभावित हुई है. कंपनी ने कहा कि वो नुकसान के आकलन के लिए प्रशासन और स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रही है.

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'हमारे मौजूदा ऑपरेशन में कोई व्यवधान नहीं है और रेगुलेटरी जरूरतों के अनुपालन में रिफाइनरी का काम जारी है. इसके अलावा, हमारी लाल मिट्टी स्‍टोरेज फैसिलिटी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.'

बढ़ती लागत पर चिंता 

एल्युमिना की सप्‍लाई और कीमतें एल्युमिना उत्पादकों के लिए एक बढ़ती हुई चिंता बन गई हैं, क्योंकि बढ़ती लागत ने स्मेल्टर्स के मार्जिन पर दबाव डाला है. उत्पादन में आने वाले व्यवधानों और एल्युमिनियम स्मेल्टर्स की बढ़ती मांग के कारण इस साल एल्युमिना की कीमतें करीब 50% बढ़ी है, जो मार्च 2022 के बाद से सबसे अधिक है. एल्युमिनियम की कीमत 2,528.50 डॉलर/टन पर बंद हुई, जो दिन में 2.33% बढ़ी.

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