ग्लोबल हॉस्पिटैलिटी स्टार्टअप OYO अब एक बार फिर पब्लिक होने की तैयारी में जुट गया है. को-फाउंडर और CEO रितेश अग्रवाल लंदन में मर्चेंट बैंकर्स के साथ, सॉफ्टबैंक के समक्ष IPO प्लान पेश करेंगे. IPO के जरिए कंपनी करीब 10% हिस्सेदारी बेचने पर विचार का रही है.
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, OYO ने पांच इनवेस्टमेंट बैंकों को तैयार किया है जो जून में लंदन में कंपनी के सबसे बड़े निवेशक सॉफ्टबैंक (SoftBank) को IPO की स्ट्रैटजी समझाएंगे. OYO अब केवल चर्चा नहीं कर रहा, बल्कि IPO के लिए बैंकर्स के साथ एक्टिव प्लानिंग कर रहा है.
कहा जा रहा है कि अगस्त-सितंबर में कंपनी DRHP फाइल कर सकती है. हालांकि लंदन में होने वाली बैठक तय करेगी कि OYO शेयर बाजार में कब और कैसे कदम रखेगा.
कौन-कौन से बैंक होंगे शामिल?
इस मीटिंग में सिटी (Citi), गोल्डमैन सैक्स(Goldman Sachs) और जेफरीज (Jefferies) जैसे ग्लोबल बैंक शामिल होंगे, वहीं ICICI सिक्योरिटीज और एक्सिस कैपिटल (Axis Capital) भारतीय बैंकों की तरफ से OYO का पक्ष रखेंगे.
वैल्युएशन, मूड, रणनीति
कंपनी 7 बिलियन डॉलर के वैल्युएशन पर IPO लाने का विचार कर रही है. सॉफ्टबैंक, जो OYO का सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है, ये जानना चाहता है कि IPO के लिए निवेशकों का मूड कैसा है, कंपनी की वैल्युएशन क्या होगी और आगे की रणनीति क्या रहेगी.
ये बैठक लंदन के ग्रोवेनर स्ट्रीट स्थित SoftBank के दफ्तर में होगी, जहां OYO के फाउंडर रितेश अग्रवाल और उनकी लीडरशिप टीम भी मौजूद रहेगी.
10% शेयर डाइल्यूशन की तैयारी
PTI ने एक सूत्र के हवाले से बताया है कि OYO पब्लिक ऑफरिंग में 10% शेयर डाइल्यूशन की योजना बना रहा है. इसमें प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों हिस्से होंगे, ताकि कम से कम डाइल्यूशन के साथ कंपनी कुछ कर्ज चुका सके. इससे कंपनी की 'अर्निंग पर शेयर' (EPS) में भी बढ़ोतरी होगी.
IPO फाइलिंग अगस्त-सितंबर में संभव
OYO अगस्त-सितंबर 2025 के बीच DRHP (Draft Red Herring Prospectus) दाखिल कर सकता है. हालांकि, कंपनी अभी ये तय कर रही है कि वो FY25 के नतीजों के आधार पर जाए या फिर H1 FY26 का इंतजार करे.
क्यों रुका था IPO, कैसे आया कॉन्फिडेंस?
OYO ने पहली बार 2021 में SEBI के पास 8,430 करोड़ रुपये का IPO फाइल किया था, लेकिन 2024 में कंपनी ने उसे वापस ले लिया. इसके बाद से OYO ने अपने अंतरराष्ट्रीय संचालन को बेहतर किया है और भारत, अमेरिका, यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत की है.
सूत्रों के मुताबिक, OYO ने EBITDA और ग्रॉस बुकिंग्स जैसे वित्तीय लक्ष्यों को लगातार हासिल किया है. इसके चलते निवेशकों का भरोसा दोबारा लौटा है और कंपनी ने IPO की प्रक्रिया को एक बार फिर तेज कर दिया है.