भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) पर पिछले कुछ महीनों से दबाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में ये देखना रोचक है कि इंसाइडर्स (Insider) किन शेयरों में खरीदारी और बिकवाली कर रहे हैं. सितंबर 2024 की ऊंचाई से भारतीय बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली है.
निफ्टी 50, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में पिछले पांच महीनों के दौरान 13% और 22% के बीच की गिरावट आई है. इस गिरावट के बीच ये देखना होगा कि इंसाइडर्स कहां शेयरों की खरीदारी और बिकवाली कर रहे हैं.
इंसाइडर कैसे करता है ट्रेडिंग?
आमतौर पर इंसाइडर वो व्यक्ति होता है, जो किसी कंपनी से सीधे या अप्रत्यक्ष तरीके से जुड़ा होता है. इनमें प्रोमोटर्स, निदेशक, अफसर, कर्मचारी और रिश्तेदार शामिल होते हैं. आमतौर पर इंसाइडर का कंपनी के शेयर खरीदना सकारात्मक संकेत समझा जाता है. इंसाइडर के तौर पर उन्हें कंपनी की वैल्यू को लेकर बेहतर समझ होती है.
हमने उन कंपनियों की सूची तैयार की है, जिनमें इंसाइडर्स की ओर से 1 अक्टूबर 2024 और 14 फरवरी 2025 के बीच सबसे ज्यादा खरीदारी और बिकवाली देखने को मिली. हमने इसमें स्टॉक ऑप्शन इश्यूएंस, प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट, वॉरेंट्स या बॉन्ड्स के शेयरों में कन्वर्जन और ट्रस्ट की ओर से किसी ट्रांजैक्शन को शामिल नहीं किया गया है.
इन शेयरों की हुई खरीदारी
बेंगलुरु-बेस्ड रियल एस्टेट कंपनी सोभा ने न सिर्फ ओपन मार्केट में शेयरों की खरीदारी की है. बल्कि प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट के जरिए भी नए शेयरों को सब्सक्राइब किया है. नवीन जिंदल प्रोमोटर ग्रुप बाजार में काफी एक्टिव रहा है. उसने जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड और जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड दोनों में हिस्सेदारी को बढ़ाया है.
पूनावाला फिनकॉर्प लिमिटेड और क्वेस कॉर्प ने भी अपनी हिस्सेदारी में 0.5% की बढ़ोतरी की है.
कहां बेची गई हिस्सेदारी?
दूसरी तरफ पिछले साढे चार महीनों में कोचीन शिपयार्ड, ZF कमर्शियल व्हीकल कंट्रोल सिस्टम्स इंडिया, डोम्स इंडस्ट्रीज और Syngene इंटरनेशनल लिमिटेड ने हिस्सेदारी बेची है.
इसके अलावा पेज इंडस्ट्रीज में भी प्रोमोटर्स ने हिस्सेदारी बेची. जबकि पॉलीकैब इंडिया में रिश्तेदारों ने बिकवाली की. बाजार की गिरावट के बीच 360 वन वैम, इंफो एज और तेजस नेटवर्क टॉप सेलर्स रहे.
सेक्टर के आधार पर डेटा को देखें तो कंस्ट्रक्शन मैटीरियल, रियल्टी और मेटल से जुड़ी कंपनियों में इंसाइडर्स की ओर से सबसे ज्यादा खरीदारी देखने को मिली.
वहीं कैपिटल गुड्स, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, टेक्सटाइल और FMCG से जुड़ी कंपनियों में सबसे ज्यादा बिकवाली रही.