FPIs को नहीं रास आ रहे फाइनेंशियल शेयर, लगातार दूसरे महीने की $1 बिलियन की बिकवाली

NSE के निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स का भी इस पर असर पड़ा और मई महीने में ये 4.1% तक टूटा.

Source: Envato

बीते कुछ महीनों से विदेशी निवेशकों को भारतीय शेयर बाजार के फाइनेंशियल शेयरों में दिलचस्पी कम होती नजर आ रही है, क्योंकि लगातार दूसरे महीने मई में विदेशी निवेशकों ने 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा की बिकवाली की है. NSDL और NDTV Profit की ओर के डेटा से ये जानकारी मिली है.

मई महीने में, विदेशी निवेशकों ने $1.02 बिलियन के फाइनेंशियल शेयर बेचे. अप्रैल में भी कुछ इसी तरह का ट्रेंड देखने को मिला था. इस महीने FPIs ने $1.1 बिलियन शेयर्स की बिकवाली की थी. NSE के निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स का भी इस पर असर पड़ा और मई महीने में ये 4.1% तक टूटा. वहीं, निफ्टी50 इंडेक्स इस दौरान 0.2% चढ़ा था.

NSDL डेटा के मुताबिक, इस दौरान FPIs ने इंडियन इक्विटी से $3.1 बिलियन की राशि बाहर निकाली. इस दौरान इतनी बड़ी राशि के बाहर निकाले जाने के पीछे एक बड़ी वजह 2024 के लोकसभा चुनाव भी हैं, जो अप्रैल में शुरू हुए और 1 जून तक चले.

29 मई को एशिया अपॉर्चुनिटीज V (मॉरीशस) लिमिटेड और जनरल अटलांटिक सिंगापुर फंड FII, दोनों ने PNB हाउसिंग फाइनेंस के 58 लाख शेयर यानी 2.23% हिस्सेदारी बेची. ये हिस्सेदारी 844 करोड़ रुपये में बेची गई. वहीं, फ्रेंच इन्वेस्टमेंट बैंक सोसाइट जनरल ने इसमें 94.8 करोड़ रुपये के शेयरों का अधिग्रहण किया.

फाइनेंशियल सेक्टर के बाद दूसरे नंबर पर IT सेक्टर में FPIs का आउटफ्लो नजर आया. NSDL डेटा के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने $694 मिलियन के शेयर बेचे. ऑयल एंड गैस, FMCG, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट शेयरों में भी ये ट्रेंड नजर आता है.

जहां तमाम सेक्टर से FPIs पैसा बाहर निकाल रहे थे, वहीं विदेशी निवेशकों ने कैपिटल गुड्स में $723 मिलियन का निवेश किया. FPIs का ये निवेश कैपिटल गुड्स के लिए 9 महीने का उच्चतम स्तर है. ये निवेश भी तब किया गया था जब S&P BSE कैपिटल गुड्स इंडेक्स में 6.3% की गिरावट रही और S&P BSE सेंसेक्स 0.6% चढ़ा.

कैपिटल गुड्स के बाद FPIs ने कंज्यूमर सर्विसेज में निवेश किया. रियल्टी, टेलीकॉम सेक्टर में भी FPIs की ओर से इनफ्लो देखने को मिला.

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