इंडियन आर्मी और इंडियन एयर फोर्स को आने वाले समय में 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर मिलने वाले हैं. इसके लिए डिफेंस सेक्टर की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) को रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) से करीब 45 हजार करोड़ रुपये का टेंडर मिला है.
HAL ने सोमवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि डिफेंस मिनिस्ट्री ने 156 लाइट कांबैट हेलीकॉप्टर (LCH) के लिए रिक्वेट फार प्रोपोजल (RFP) जारी किया है. मेक इन इंडिया के जरिये डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर होने की दिशा में ये एक और बड़ा कदम माना जा रहा है.
रॉकेट की रफ्तार में भागे शेयर
टेंडर मिलने का असर कंपनी के स्टॉक पर भी दिखा और मंगलवार को बाजार खुलते ही इसके शेयर रॉकेट की रफ्तार में आगे बढ़े. करीब 10 बजे HAL का शेयर 5% से ज्यादा के उछाल के साथ 5,500 रुपये के करीब कारोबार कर रहा था.
इंडियन आर्मी को 90, एयर फोर्स को 66 हेलीकॉप्टर
156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स में से 90 हेलीकॉप्टर थल सेना को मिलेंगे, जबकि 66 हेलीकाप्टर्स वायु सेना को मिलेंगे. लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) को प्रचंड नाम से भी जाना जाता है, जो हवा से हवा और हवा से जमीन में मिसाइलें दागने में माहिर है. ये लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स देश की सेना की ताकत और ज्यादा बढ़ाएंगे.
डिफेंस सेक्टर में मजबूत हो रहा देश
हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स के मौजूदा टेंडर की कीमत 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है. इससे पहले इसी साल अप्रैल में रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी 97 LCA मार्क 1A लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए HAL को 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर जारी किया था.
मजबूत ऑर्डर बुक से फोकस में HAL
2024 में अब तक HAL के शेयरों में 84% का उछाल देखा गया है, जबकि पिछले एक साल में देखें तो इसमें 67% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आगामी बजट को देखते हुए डिफेंस और मेक इन इंडिया फोकस्ड कंपनी HAL के स्टॉक को लेकर बुलिश हैं.
चुनाव पूर्व अंतरिम बजट 2024-25 में कुल 47,65,768 करोड़ रुपये (करीब $574 डॉलर) के आवंटन में से 6,21,541 करोड़ रुपये (करीब $74.8 बिलियन) केवल रक्षा मंत्रालय (MoD) को आवंटित किए गए हैं, जो कि पिछले आवंटन की तुलना में 4.7% की बढ़ोतरी दिखाता है.
5,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान में सक्षम
इन हल्के लड़ाकू विमानों को प्रचंड भी कहा जाता है. ये प्रचंड 5,000 मीटर यानी करीब 16,400 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने वाला दुनिया का एकमाऋ हेलीकॉप्टर है. ये हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को दागने में सक्षम है. खासकर सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इसे तैनात किया जा सकता है. इंडियन आर्मी की ताकत बढ़ाने में इसकी बड़ी भूमिका होगी.