जेफरीज ने बताया जोमैटो का टारगेट प्राइस, 22% ग्रोथ का अनुमान, जानें वजह

जेफरीज के मुताबिक, 'जोमैटो की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू मीडियम टर्म में 20% CAGR की रफ्तार से बढ़ेगी. इसकी वजह मौजूदा ग्राहकों में प्लेटफॉर्म का बढ़ता उपयोग और रेस्टोरेंट की बढ़ती च्वाइस हैं.'

प्रतीकात्मक फोटो

जेफरीज इंडिया ने 12 सितंबर को रिलीज किए नोट में जोमैटो के 335 रुपये/शेयर के टारगेट प्राइस की पुष्टि की है. इससे पहले 9 सितंबर को जेफरीज ने फूड एग्रीगेटर कंपनी के लिए 335 रुपये/शेयर का बेस केस टारगेट बताया था.

ये 11 सिंतबर के क्लोजिंग प्राइस से 23% ज्यादा है. गुरुवार की तुलना में ये 17% ज्यादा है. जबकि शुक्रवार 1 बजकर 25 मिनट पर जोमैटो 274 रुपये/शेयर के भाव पर है. इस हिसाब से टारगेट प्राइस लगभग 22% ऊपर है.

जेफरीज के मुताबिक फूड डिलीवरी इंडस्ट्री मार्केट स्ट्रक्चर और ग्रोथ के हिसाब से अब एक स्थिर स्थिति में पहुंच गई है. इंडस्ट्री के पास 6 करोड़ यूजर्स हैं. भविष्य में ये संख्या साधारण गति से ही बढ़ेगी.

नोट के मुताबिक, 'जोमैटो की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू मीडियम टर्म में 20% CAGR की रफ्तार से बढ़ेगी. इसकी वजह मौजूदा ग्राहकों द्वारा प्लेटफॉर्म का बढ़ता उपयोग और रेस्टोरेंट की बढ़ती च्वाइस है.'

जेफरीज का कहना है कि 'रेस्टोरेंट से वसूले जाने वाले कमीशन का अधिकतम उपयोग किया जा चुका है, कुल मिलाकर मार्जिन ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू का 4-5% तक पहुंचना चाहिए. इसके साथ-साथ शॉर्ट टर्म में कंपनी के बिजनेसेज को निवेश की जरूरत पड़ सकती है.'

क्विक कॉमर्स बिजनेस करेगा अच्छी ग्रोथ: जेफरीज

जोमैटो के क्विक कॉमर्स बिजनेस 'ब्लिंकिट' के ग्रोथ आउटलुक को जेफरीज ने 'Strong' पर बरकरार रखा है. ब्रोकरेज के मुताबिक दिसंबर 2026 तक 2,000 स्टोर गाइडेंस से भी इसके संकेत मिलते हैं. बता दें जून 2024 तक ब्लिंकिट के 639 स्टोर्स थे.

जेफरीज ने कहा, 'क्विक कॉमर्स ने ऑर्गेनाइज्ड रिटेल के विस्तार में मॉडर्न ट्रेड फॉर्मेट की तुलना में बेहतर काम किया है. ब्लिंकिट मीडियम टर्म में भारत के लीडिंग रिटेलर्स से बेहतर साबित हो सकता है.'

नोट के मुताबिक कंपनी द्वारा चलाए जाने वाले डार्क स्टोर्स की सर्विसेज हर दिन 4,000 ऑर्डर तक बढ़ सकती हैं. जबकि फिलहाल ये 1,560 ऑर्डर/दिन है.

हालांकि संभावित कंपिटीशन पर जेफरीज ने कहा, 'क्विक कॉमर्स सेक्टर के अंदर कंपिटीशन कंपनी के लिए शॉर्ट टर्म में समस्याएं पैदा कर सकता है. इसके चलते कंपनी की ग्रोथ और मार्जिन पर थोड़ा-बहुत दबाव बढ़ सकता है.'