मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अब प्रस्ताव दिया है कि सभी स्टॉक एक्सचेंजों में इक्विटी डेरिवेटिव्स के लिए एक्सपायरी के दिनों का एक मानक बना दिया जाए, इन्हें मंगलवार या गुरुवार तक सीमित कर दिया जाए.
SEBI के कंसल्टेशन पेपर के मुताबिक, हर एक एक्सचेंज को अपने सभी डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स, जिसमें स्टॉक और इंडेक्स ऑप्शंस और फ्यूचर्स शामिल हैं, इनके लिए इन दो दिनों में से एक दिन को चुनना होगा. इस कदम का मकसद मार्केट पार्टिसिपेंट्स के लिए पूर्वानुमान लगाना आसान करना, क्योंकि एक्सपायरी के दिन फिक्स्ड और स्थिर होंगे. कंसनट्रेशन का जोखम कम करना और मार्केट में स्थिरता लाना है.
SEBI के प्रस्ताव से क्या होगा?
ये प्रस्ताव तब आया जब 5 मार्च को NSE ने घोषणा की थी कि उसने निफ्टी, बैंक निफ्टी, फिननिफ्टी, निफ्टी मिडकैप सिलेक्ट और निफ्टी नेक्स्ट 50 फ्यूचर्स और ऑप्शंस के मंथली और तिमाही एक्सपायरी दिनों को एक्पायरी महीने के अंतिम सोमवार में ट्रांसफर कर दिया है. BSE ने कहा है कि वो डेरिवेटिव्स एक्सपायरी नियमों में बदलाव पर प्रतिक्रिया देने से पहले बाजार का फीडबैक लेगा.
रेगुलेटर के प्रस्ताव के तहत, हर एक एक्सचेंज अपने चुने हुए दिन पर केवल एक बेंचमार्क इंडेक्स ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट के लिए वीकली एक्सपायरी ऑफर कर सकता है. बाकी सभी इक्विटी डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट - बेंचमार्क इंडेक्स फ्यूचर्स, गैर-बेंचमार्क इंडेक्स F&O, और सिंगल स्टॉक F&O की न्यूनतम अवधि एक महीने होगी और ये महीने के अंतिम मंगलवार या अंतिम गुरुवार को एक्सपायर होंगे, जो एक्सचेंज के चुने हुए दिन पर निर्भर करेगा. एक्सपायरी दिनों में किसी भी संशोधन के लिए SEBI की पहले से मंजूरी लेना जरूरी होगा.
SEBI ने कंसल्टेशन पेपर लोगों से 17 अप्रैल तक टिप्पणियां मांगी हैं.