कैश इंट्राडे में भी 71% लोगों ने गंवाया पैसा; F&O के बाद इक्विटी सेगमेंट भी बना सट्टे का अड्डा

SEBI रिपोर्ट के अनुसार FY2018-19 से FY2022-23 के बीच कैश सेगमेंट के इंट्राडे ट्रेडिंग में हिस्सा लेने वाले लोगों की संख्या में 300% का इजाफा हुआ है.

प्रतीकात्मक फोटो

SEBI के मुताबिक FY2022-23 में इक्विटी मार्केट के इंट्राडे ट्रेड में पैसा लगाने वाले 70% लोगों को नुकसान हुआ है.

SEBI रिपोर्ट के अनुसार FY2018-19 से FY2022-23 के बीच कैश सेगमेंट के इंट्राडे ट्रेडिंग में हिस्सा लेने वाले लोगों की संख्या में 300% का इजाफा हुआ है.

SEBI द्वारा कराई गई स्टडी में मार्केट से जुड़े कई दिलचस्प ट्रेंड्स की जानकारी मिली है. इस रिपोर्ट का अकादमिक, ब्रोकर्स और मार्केट एक्सपर्ट्स के प्रतिनिधियों वाले वर्किंग ग्रुप ने पियर रिव्यू भी किया है.

ये अध्ययन टॉप-10 स्टॉक ब्रोकर्स के क्लाइंट्स के सैंपल्स पर आधारित है. इन स्टॉक ब्रोकर्स के पास FY2023-23 में इक्विटी कैश सेगमेंट के 86% क्लाइंट थे.

SEBI के मुताबिक इस स्टडी का उद्देश्य इंडिविजुअल ट्रेडर्स में इक्विटी कैश सेगमेंट में मौजूद जोखिम के प्रति जागरुकता फैलाना है. बता दें ये स्टडी 25 जनवरी 2023 को आई रिपोर्ट से अलग है.

इस रिपोर्ट से सामने आए कुछ अहम तथ्य इस तरह हैं:

  • इक्विटी कैश सेगमेंट में ट्रेड करने वाला हर 3 में से 1 व्यक्ति इंट्राडे ट्रेड करता है.

  • FY2018-19 की तुलना में FY2022-23 तक इंट्राडे ट्रेडिंग में हिस्सा लेने वाले लोगों की संख्या में 300% का इजाफा हुआ है.

  • यंग इंट्राडे ट्रेडर्स (30 साल से कम उम्र) 2018-19 में महज 18% थे. ये 2022-23 में बढ़कर 48% हो गए हैं.

  • 10 में से 7 इंट्राडे ट्रेडर्स (करीब 71%) को FY2022-23 को नुकसान हुआ है.

  • ज्यादा संख्या में इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले (साल में 500 ट्रेड से ज्यादा) लोगों में नुकसान उठाने वालों की संख्या बढ़कर 80% हो गई है.

  • यंग ट्रेडर्स में नुकसान उठाने वालों की संख्या दूसरे समूहों से ज्यादा है. FY2022-23 में 76% युवा ट्रेडर्स ने नुकसान उठाया.

  • मुनाफा कमाने वालों की तुलना में नुकसान उठाने वालों ने ज्यादा संख्या में ट्रेड्स कीं.

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