भारत का शेयर बाजार अब एक ऐसे मोड़ पर है, जहां हर स्टॉक की अलग पहचान मायने रखेगी. मॉर्गन स्टेनली इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर रिधम देसाई का कहना है कि ये समय 'स्टॉक पिकर का मार्केट' बनने जा रहा है.
NDTV Profit से बातचीत में देसाई ने कहा, 'अभी ज्यादातर शेयरों की चाल निफ्टी से बहुत मेल खा रही है. जब ऐसा होता है तो इसका मतलब होता है कि पूरा बाजार एक साथ चल रहा है. लेकिन जब ये मेल कम होता है, तो हर शेयर की अपनी चाल होती है. यही समय होता है जब स्टॉक सिलेक्शन सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है.'
अब कैसे चुनें सही स्टॉक?
रिधम देसाई का मानना है कि अगले 12 से 18 महीने उन लोगों के लिए फायदेमंद होंगे जो कंपनियों की बुनियादी ताकत (fundamentals) को देखकर निवेश करते हैं.
उन्होंने कहा, 'अब मार्केट कैप या सेक्टर की परवाह नहीं करनी है. पहले कुछ महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने अच्छा रिटर्न दिया क्योंकि पूरा बाजार मैक्रो फैक्टर्स से चल रहा था. लेकिन अब फोकस कंपनी पर होना चाहिए– बेंचमार्क के करीब रहें और केवल अच्छे स्टॉक्स पर दांव लगाएं.'
देसाई का स्टॉक सिलेक्शन फॉर्मूला
सबसे पहले देखें कंपनी की मैनेजमेंट कैसी है – आप किसके साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं.
फिर जांचें कंपनी का बिजनेस कैसा है – क्या वो ज्यादा महंगी तो नहीं, क्या वो Sunset इंडस्ट्री में तो नहीं.
उन्होंने इन्वेस्टर चार्ली मंगर की सलाह भी दोहराई, जो उन्होंने वॉरेन बफेट को दी थी:
'अच्छे बिजनेस में थोड़ा ज्यादा पैसा लगाना ठीक है, क्योंकि समय के साथ वही सबसे बेहतर रिटर्न देता है.'
भारत पर भरोसा कायम
मैक्रो लेवल पर देसाई ने भारत की स्थिति को बाकी दुनिया से बेहतर बताया. उन्होंने कहा, 'भारत एक स्मॉलकैप इकोनॉमी नहीं है. अगले 12 महीनों में भारत ग्लोबल ग्रोथ में 20-25% का योगदान देगा.'
आगे उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में थोड़ी सुस्ती आ सकती है, लेकिन भारत की स्थिति अभी भी मजबूत है और वो वैश्विक ग्रोथ का अहम हिस्सा बना रहेगा.