AI पर भरोसा करने में दुनिया से आगे है भारत, 76% भारतीयों को है विश्वास: KPMG रिपोर्ट

ये स्‍टडी मेलबर्न बिजनेस स्कूल के निकोल गिलेस्पी और स्टीव लॉकी ने KPMG के साथ मिलकर की है.

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर सबसे ज्यादा भरोसा भारतीयों को है. KPMG की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 76% लोग AI पर भरोसा करते हैं, जबकि वैश्विक स्‍तर पर औसतन आंकड़ा सिर्फ 46% है.

KPMG की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 76% लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर भरोसा करते हैं. ये आंकड़ा दुनिया के औसत 46% से काफी ज्यादा है.

ये स्‍टडी मेलबर्न बिजनेस स्कूल के निकोल गिलेस्पी और स्टीव लॉकी ने KPMG के साथ मिलकर की है.

नवंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच 47 देशों के 48,000 लोगों पर सर्वे कर ये रिपोर्ट तैयार की गई. रिपोर्ट का टाइटल है- 'Trust, attitudes and use of Artificial Intelligence: A global study 2025'.

KPMG ने कहा कि AI तकनीक स्वास्थ्य, फाइनेंस, एजुकेशन और एंटरटेनमेंट जैसे क्षेत्रों को तेजी से बदल रही है. जैसे-जैसे AI का इस्तेमाल आम जीवन में बढ़ रहा है, लोगों के भरोसे और सोच को समझना जरूरी हो गया है.

भारत का AI पर भरोसा

  • भारत में 97% लोग जानबूझकर काम में AI का इस्तेमाल करते हैं.

  • 67% भारतीयों का मानना है कि वे AI के बिना अपना काम पूरा नहीं कर सकते.

  • ये आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत AI को अपनाने और उस पर भरोसा करने में सबसे आगे है.

...लेकिन चिंता भी है

  • 78% भारतीयों को AI से जुड़े नकारात्मक परिणामों की चिंता भी है.

  • 60% लोगों ने माना कि AI की वजह से इंसानी बातचीत में कमी आई है.

भारत बनाम बाकी दुनिया

  • भारत में AI को लेकर नजरिया सकारात्मक है.

  • यहां लोग AI को लेकर उत्साहित हैं, न कि डरे हुए.

  • विकसित देशों में सिर्फ 40% लोग AI पर भरोसा करते हैं.

  • भारत जैसे उभरते देशों में ये आंकड़ा 60% है.

AI को लेकर आशावादी हैं भारतीय

पिछली रिपोर्ट की तुलना में, जब AI टूल्स जारी नहीं हुए थे, अब लोग AI को लेकर ज्यादा चिंतित हैं. लेकिन भारत इस मामले में बाकी देशों से अलग है, यहां लोग AI को लेकर ज्‍यादा आशावादी और उत्साहित हैं.

KPMG की रिपोर्ट बताती है कि जैसे-जैसे AI तकनीक हमारे रोजमर्रा के जीवन में शामिल हो रही है, उस पर लोगों का भरोसा और रवैया जानना बेहद जरूरी हो गया है. खासकर भारत जैसे देश में, जहां AI तेजी से फैल रहा है, ये तकनीक आर्थिक विकास और समाज के लिए बड़ा बदलाव ला सकती है.

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