अजीत डोभाल (Ajit Doval) को लगातार तीसरी बार NSA बनाया गया है. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा का कार्यकाल भी आगे बढ़ा दिया गया है.
कैबिनेट की अपॉइनमेंट कमिटी ने लेटर जारी बताया कि PK मिश्रा (PK Mishra) का नया कार्यकाल 10.06.2024 से शुरू होगा. बता दें अपनी सर्विस के दौरान प्रधान सचिव को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है. मिश्रा सितंबर 2019 से PM के मुख्य सचिव हैं.
अजीत डोभाल का नया कार्यकाल भी 10.06.2024 से शुरू होगा. अपॉइनमेंट कमिटी के लेटर में ये भी उल्लेख है कि डोभाल का कार्यकाल अगले आदेश तक या प्रधानमंत्री के पद पर रहने के दौरान, इसमें जो भी पहले आए, जारी रहेगा. अजीत डोभाल को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.
2014 से साथ हैं अजीत डोभाल
अजीत डोभाल 2014 से ही प्रधानमंत्री के साथ NSA के तौर पर काम कर रहे हैं. इस दौरान देश ने बालाकोट जैसे ऑपरेशन को अंजाम दिया. जबकि डोकलाम, गलवान, लद्दाख में भी भारतीय सुरक्षाबलों ने बहादुरी दिखाई है.
अब दोनों अधिकारी अपने पद पर सबसे लंबे समय तक कार्य करने वाले अधिकारी बन गए हैं. इसके अलावा रिटायर्ड IAS अमित खरे और तरुण कपूर के कार्यकाल को भी बढ़ा दिया गया है. दोनों प्रधानमंत्री के सलाहकार के तौर पर तैनात हैं.
डोभाल का जन्म 1945 में तबके संयुक्त प्रांत में हुआ था, जो आज के उत्तराखंड में स्थित पौढ़ी गढ़वाल में आता है. उनका गांव घिरी बनेलस्यूं था.
डोभाल के मेडर GN डोभाल भारतीय सेना में थे. डोभाल ने राजस्थान में अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई करने के बाद आगरा यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में PG किया है. इसके बाद डोभाल ने 1968 में UPSC परीक्षा पास की और IPS बने. उनका कैडर केरल था. लेकिन उनकी नियुक्ति नॉर्थ ईस्ट स्टेट्स में भी रही, जहां उन्होंने कई अहम ऑपरेशंस को अंजाम दिया.
डोभाल के नाम दर्ज कुछ अहम मिशन
1975 में सिक्किम को भारतीय राज्य बनवाने के ऑपरेशन में डोभाल भी शामिल थे.
1986 में मिजो शांति समझौते में अहम भूमिका निभाई.
1984 के आसपास वे पाकिस्तान में थे, तब आगे के कई साल उन्होंने पाकिस्तान में रहकर कई ऑपरेशंस को अंजाम दिया और भारत को गुप्त जानकारी पहुंचाई.
31 मई 2014 को पहली बार PM के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने
नागा शांति समझौते की रणनीति तैयार की
म्यांमार में NSCN (खापलांग) का खात्मा
आर्टिकल 370, बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में अहम रोल
चीन के साथ डोकलाम विवाद सुलझाने में बड़ी भूमिका
डोभाल अशोक चक्र पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी हैं.