GST: टैक्सपेयर्स के लिए राहत, सुप्रीम कोर्ट का इनपुट टैक्स क्रेडिट मिसमैच पर बड़ा फैसला

टैक्स विभाग पर सख्ती दिखाते हुए कोर्ट ने कहा कि सप्लायर के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने से पहले अधिकारियों ने सनक्राफ्ट के लिए गए क्रेडिट को रिवर्स करके सही कदम नहीं उठाया है.

Source: Reuters

इनपुट टैक्स क्रेडिट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला कारोबारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी टैक्सपेयर को इनपुट टैक्स क्रेडिट से सिर्फ इसलिए इनकार नहीं किया जा सकता है कि क्योंकि सामान या सर्विसेज के सप्लायर ने टैक्स विभाग को अपनी देनदारी पूरी नहीं की.

क्या है मामला?

ये मामला टैक्स विभाग की ओर से इनपुट टैक्स क्रेडिट को उलटने से जुड़ा है, जिसमें रीन्युएबल एनर्जी सॉल्यूशंस कंपनी, सनक्राफ्ट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने एक सप्लायर से कुछ सामान और सेवाएं ली थीं. जब सनक्राफ्ट ने अपनी खरीद के आधार पर टैक्स क्रेडिट का दावा किया, तो सप्लायर के टैक्स रिटर्न और कंपनी के टैक्स रिटर्न के बीच मिसमैच के कारण टैक्स डिपार्टमेंट ने वसूली के लिए नोटिस जारी किया.

ये टैक्स डिपार्टमेंट का मामला था कि सप्लायर ने सरकार को टैक्स का भुगतान नहीं किया था और इसलिए, सनक्राफ्ट इनपुट टैक्स का क्रेडिट हासिल नहीं कर सकता था.

इसलिए, विभाग के नोटिस ने सनक्राफ्ट की से दावा किए गए इनपुट टैक्स को उलट दिया और गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाने के लिए ब्याज और जुर्माने के साथ 6.5 लाख रुपये के टैक्स की मांग की. इसके खिलाफ सनक्राफ्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट में अपील दाखिल की. हाई कोर्ट ने कहा कि विक्रेता की ओर से टैक्स का भुगतान नहीं करने पर खरीदार से इनपुट टैक्स क्रेडिट का कोई ऑटोमैटिक रिवर्सल नहीं होगा.

हाई कोर्ट ने कहा कि अगर कोई विक्रेता टैक्स नहीं चुका पाता है तो सरकार उसे विक्रेता से ही टैक्स वसूल करे. हालाँकि, असाधारण परिस्थितियों में, जैसे कि लापता डीलर, सप्लायर का बिजनेस बंद हो जाना या पर्याप्त संपत्ति न होने पर, खरीदार का क्रेडिट भी रिवर्सल हो सकता है.

टैक्स विभाग पर सख्ती दिखाते हुए कोर्ट ने कहा कि सप्लायर के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने से पहले अधिकारियों ने सनक्राफ्ट के लिए गए क्रेडिट को रिवर्स करके सही कदम नहीं उठाया है.

हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ टैक्स विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. वहां भी उसे झटका मिला, सुप्रीम कोर्ट ने टैक्स डिपार्टमेंट की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वो हाई कोर्ट के फैसले में को दखल नहीं देना चाहता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

JSA के पार्टनर मनीष मिश्रा ने कहा, समान मामलों पर कई कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं और यह काफी संभावना है कि अदालतें ऐसे नोटिसों का निपटारा करते समय इस फैसले को नजीर के तौर पर ध्यान में रख सकती हैं. हालांकि, मिश्रा ने कहा कि सरकार अपने विकल्पों का मूल्यांकन कर सकती है और रिव्यू पिटीशन दायर कर सकती है. ये देखते हुए कि इनपुट टैक्स क्रेडिट मिसमैच के कारणों के लिए असेसी को बड़ी संख्या में नोटिस जारी किए गए हैं.

Aurtus Consulting के पार्टनर रितेश कनोडिया ने NDTV प्रॉफिट को बताया कि हालांकि फैसला फायदेमंद है, लेकिन ये मिसमैच के मामले पर विवाद का हल नहीं करता है.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला वहां पर कोई मदद नहीं करता है जहां पर सप्लायर गायब है, चालान नकली है, सप्लायर ने अपना बिजनेस ही बंद कर दिया है. इसलिए, सामान या सेवाओं के खरीदार को बिना किसी गलती के दंडित किया जाता है, खासतौर पर बीते समय में जहां प्रावधान साफ नहीं थे और मिसमैच व्यवस्था लागू नहीं थी.