महाराष्ट्र में ऐप बेस्ड गाड़ियों के लिए एग्रीगेटर पॉलिसी को मंजूरी, यात्रियों की सुरक्षा सबसे ऊपर

ड्राइवरों को मान्यता प्राप्त संस्थानों से ट्रेनिंग हासिल करनी होगी और ड्राइवर और यात्री दोनों को बीमा के तहत कवर किया जाना चाहिए.

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महाराष्ट्र में ऐप-बेस्ड व्हीकल सर्विसेज के लिए एग्रीगेटर पॉलिसी लागू करने की मंजूरी मिल गई है. मंगलवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में नई पॉलिसी पर अपनी मुहर लगाई.

समिति की रिपोर्ट के आधार पर बनाई पॉलिसी

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक- राज्य में ऐप-बेस्ड गाड़ियों के लिए एग्रीगेटर पॉलिसी तैयार करने के लिए सुधीरकुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी. समिति की रिपोर्ट और मोटर वाहन अधिनियम और संबंधित नियमों के प्रावधानों के आधार पर राज्य सरकार ने अब नई नीति रूपरेखा पेश की है.

इस नीति के तहत ऐप-बेस्ड व्हीकल सर्विस शुरू करने के लिए संबंधित वाहन मालिकों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा. खास तौर से, राइड-पूलिंग सेवाओं का विकल्प चुनने वाली महिलाओं के लिए, बढ़ी हुई सुरक्षा के लिए विशेष रूप से महिला ड्राइवरों और को-पैसेंजर्स के साथ यात्रा करने का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा.

इन नियमों का करना होगा पालन

आवेदकों को इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 का पालन करना होगा और सभी लागू दिशा-निर्देशों का भी पालन करना चाहिए. एग्रीगेटर्स के पास एक कंप्लायंट ऐप या वेबसाइट होनी चाहिए जो सुरक्षा मानकों को पूरा करती हो, जिसमें रीयल-टाइम GPS ट्रैकिंग, इमरजेंसी कॉन्टैक्ट नंबर और ड्राइवरों का पूरा बैकग्राउंड वेरिफिकेशन जैसी सुविधाएं शामिल हों.

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साथ ही, ड्राइवरों को मान्यता प्राप्त संस्थानों से ट्रेनिंग हासिल करनी होगी और ड्राइवर और यात्री दोनों को बीमा के तहत कवर किया जाना चाहिए. यात्रियों और ड्राइवरों की चिंताओं को तुरंत हल करने के लिए एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र (grievance redressal mechanism ) बनाना भी जरूरी होगा. आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में एग्रीगेटर नीति को लागू करने के लिए एक विस्तृत नियम पुस्तिका अलग से प्रकाशित की जाएगी.

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