नोबेल विजेता पॉल रोमर (Paul Romer) ने NDTV World Summit 2024 में कहा कि अमेरिका ने अपने सामने आईं तकनीकी चुनौतियों को बर्बाद और गंवा दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत के हाथों इन मौकों को खो दिया. ये मौके सरकारी नियमों के तहत टेक्नोलॉजी (Technology) के इस्तेमाल से जुड़े थे. वर्ल्ड बैंक (World Bank) के पूर्व चीफ इकोनॉमिस्ट ने कहा कि टेक्नोलॉजी के साथ क्या किया जा सकता है, इसे लेकर आशावाद सही है और मैं इस पर अभी भी भरोसा करता हूं.
रोमर ने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसी मुश्किलों से टेक्नोलॉजी इनोवेशन से निपटा जा सकता है. इसमें आर्थिक ग्रोथ के साथ समझौता करने की जरूरत नहीं है.
भारत और अमेरिका की तुलना की जानी चाहिए: रोमर
रोमर ने कहा, 'सवाल ये है कि अगर हमें मौके दिए जाते हैं तो हम उनके साथ क्या करेंगे. अमेरिका को जो डिजिटल अवसर मिले, उसे उसने बुरी तरह बर्बाद और गंवा दिया है. अमेरिका को भारत से सीखना चाहिए कि टेक्नोलॉजी को किस तरीके से इस्तेमाल किया जाता है.'
पॉल रोमर ने आगे बताया, 'जीवन की गुणवत्ता में भारी सुधार का एक संकेत कई देशों और समय में बढ़ता लाइफ एक्सपेक्टेंसी रेश्यो है. लाइफ एक्सपेक्टेंसी रेश्यो अमेरिका में बढ़ना रूक गया है और इसमें असल में गिरावट देखने को मिल रही है. लेकिन सिलिकॉन वैली पहले की तरह उस कदम को इस्तेमाल करना नहीं चाहती है.'
सरकार ने टेक्नोलॉजी से जुड़े अवसरों का इस्तेमाल किया: रोमर
उन्होंने कहा कि भारत में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है क्योंकि सरकार ने सभी को फायदा देने के लिए टेक्नोलॉजी से जुड़े अवसरों का इस्तेमाल करने का फैसला किया.
रोमर ने NDTV के समिट में कहा कि अर्थशास्त्रियों ने इस धारणा पर जोर देकर दुनिया के साथ गलत किया कि सरकार समस्या है और बाजार समाधान है. ये सच नहीं है.