NDTV World Summit 2024 Live: अमिताभ कांत बोले- भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन का बड़ा और अहम हिस्सा बनाना होगा

आज इस समिट के दूसरे दिन G20 शेरपा अमिताभ कांत, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरून समेत कई दिग्‍गज शामिल होंगे.

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देश के सबसे भरोसेमंद न्‍यूज ब्रैंड NDTV नेटवर्क के प्रमुख कार्यक्रम, 'NDTV वर्ल्‍ड समिट 2024- द इंडिया सेंचुरी' का आज दूसरा दिन है. सोमवार को प्रधानमंत्री ने इस समिट और NDTV नेटवर्क के नए चैनल NDTV World का उद्घाटन करने के बाद 'द इंडिया सेंचुरी' पर अपना दूरदर्शी विजन साझा किया था.

PM मोदी ने कहा था कि कैसे दुनिया में चिंताओं के बीच भारत में चिंतन हो रहा है और भारत पूरी दुनिया के लिए उम्‍मीद बन कर उभरा है. उनके अलावा, कई ग्‍लोबल लीडर्स और देश-दुनिया के दिग्‍गजों ने अपनी बात रखी.

आज इस समिट के दूसरे दिन G20 शेरपा अमिताभ कांत, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरून, डेलॉयट इंडिया के निदेशक कुंतल शाह, ग्रो के को-फाउंडर और CEO ललित केशरे, वरिष्ठ पत्रकार और पश्चिम एशिया रणनीतिकार डॉ अव्वाद के अलावा कई दिग्गज शामिल हो रहे हैं. तो बने रहिए हमारे साथ, यहां आपको मिलेगी पूरी अपडेट.

AI से नौकरियां जाएंगी नहीं, बल्कि नए तरह की नौकरियां पैदा होंगे: अमिताभ कांत

AI को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. AI से नौकरियां जाएंगी नहीं, बल्कि नए तरह की नौकरियां पैदा होंगी. इसके सकारात्मक इस्तेमाल की जरूरत.

ISRO को एक फैसिलिटेटर बनने की जरूरत है, उसे नए स्टार्टअप्स को सैटेलाइट और रॉकेट लॉन्च करने का प्लेटफॉर्म बन जाना चाहिए.

भारत ग्रीन हाइड्रोजन की लागत को घटाकर 1 डॉलर तक लाएगा और देश आने वाले दिनों में दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी एक्सपोर्टर बनेगा

भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन का बड़ा और अहम हिस्सा बनाना होगा: अमिताभ कांत

भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन का बड़ा और अहम हिस्सा बनाना होगा, देश को आत्मनिर्भरता बनाने का मतलब है कि उसे ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़ना होगा.

देश की इकोनॉमी को 3 ट्रिलियन से बढ़ाकर 30 ट्रिलियन तक पहुंचाने के लिए प्रति व्यक्ति आय को 8 गुना, GDP को 9 गुना और मैन्युफैक्चरिंग को 30 गुना करना होगा.

फिलहाल सबसे बड़ी चिंता भूराजनीतिक बाधाएं हैं: दीपाली गोयनका

आज भारत सभी ग्लोबल रिटेलर्स के लिए सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन चुका है

- भारत इस समय बहुत शानदार स्थिति में है. अगले 30 सालों तक भारत की श्रमशक्ति सबसे युवा रहेगी.

- चीन लंबे समय से दुनिया की उत्पादन फैक्ट्री रहा है. लेकिन अब हमारे लोग प्रशिक्षित और कुशल हो चुके हैं. हमने सप्लाई चेन का स्वदेशीकरण कर लिया है

- सस्टेनेबिलिटी महंगी नहीं पड़ती. कच्छ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए हम ताजा पानी उपलब्ध कराने में सफल हुए, इससे किसानों को लाभ हुआ है

फिलहाल सबसे बड़ी चिंता भूराजनीतिक बाधाएं हैं. भारत ग्रोथ कर रहा है, लेकिन लाल सागर आज सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. पूरी सप्लाई चेन में आज उथल-पुथल मची हुई है

जानबूझकर कमजोर बना हुआ है UNSC: महबूबानी

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के एशिया रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रतिष्ठित फेलो और UNSC के पूर्व अध्‍यक्ष किशोर महबूबानी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संयोग से नहीं बल्कि जानबूझकर कमजोर है. P5 ने जोर देकर कहा है कि संयुक्त राष्ट्र का महासचिव रीढ़विहीन होना चाहिए. अगर आप ऐसा कोई व्यक्ति चुनते हैं, तो संयुक्त राष्ट्र कमजोर हो जाएगा. हमें महाशक्तियों को अपना दृष्टिकोण बदलने और गतिशील महासचिव नियुक्त करने के लिए राजी करना चाहिए.

P5 में अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस और फ्रांस शामिल हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC ) के स्थाई सदस्य हैं और शीर्ष कार्यकारी निकाय में इनके पास वीटो पावर है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता और अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दों से निपटने में वैश्विक निकाय के महत्व पर बल दिया.

कुणाल बहल ने बताया- फेल्‍योर से सक्‍सेस तक का सफर

स्‍नैपडील के को-फाउंडर और CEO कुणाल बहल ने बताया कि कैसे IIT में प्रवेश पाने के असफल प्रयास और अमेरिका में काम करते हुए उनके H-1 वीजा आवेदन के रिजेक्‍शन ने भारत में उनके एक तकनीकी उद्यमी बनने में मदद की. वर्ल्ड समिट 2024 में बहल ने कहा, 'मैं IIT में नहीं जा पाया, मेरा परिवार परेशान था. लेकिन मैं एक अमेरिकी कॉलेज में गया, जिसने मुझे आगे बढ़ने में मदद की.

बहल ने बताया कि उन्‍होंने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से अपना एजुकेशन पूरा किया. चुनौतियों के बावजूद दृढ़ निश्चयी बने रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, 'मैं (अमेरिका में) माइक्रोसॉफ्ट में काम कर रहा था और मैंने H1-बी वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे रिजेक्‍ट कर दिया गया. मैं वापस आया और एंटरप्रेन्‍योर के रूप में अपनी यात्रा शुरू की.'

उन्‍होंने रतन टाटा को भी एक महान व्‍यक्तित्‍व के रूप में याद किया.

हेल्‍थ, एजुकेशन में AI का इस्‍तेमाल क्रांति: CTO, माइक्रोसॉफ्ट

माइक्रोसॉफ्ट (इंडिया और दक्षिण एशिया) की चीफ टेक्‍नोलॉजी ऑफिसर डॉ रोहिणी श्रीवत्सा ने कहा, 'स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा दो ऐसे सेक्‍टर हैं, जहां आप देखेंगे कि AI ऐसी चीजें कर सकता है, जो पहले संभव नहीं थीं.' इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने एक डॉक्टर का उदाहरण दिया, जिसके पास AI हेल्‍पर है, जो ग्‍लोबल लेवल पर बीमारियों के क्षेत्र में हो रहे लेटेस्‍ट डेवलपमेंट्स को ट्रैक कर सकता है.

उन्होंने कहा, 'AI भारत को लैंग्‍वेज डायवर्सिटी का आनंद उठाने में मदद करेगा. AI की मदद से लोग अंग्रेजी के साथ-साथ अन्‍य भाषाएं सीख सकते हैं.'

देश में महिला एंटरप्रेन्‍योर्स बहुत कम: पद्मजा रूपारेल

IAN ग्रुप की को-फाउंडर पद्मजा रूपारेल ने कहा, 'देश में एंटरप्रेन्‍योरशिप काफी बढ़ी है, लेकिन महिला एंटरप्रेन्‍योर्स की संख्‍या उस अनुपात में नहीं बढ़ी. और इससे भी अधिक निराशाजनक तथ्य ये है कि फाइनेंसिंग दुर्लभ है. महिलाओं को 2022 में, महज 14.7% वित्तपोषण मिला. 2023 में, ये घटकर 9.7% रह गया.'

लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में बढ़े महिलाओं की भूमिका: कामी विश्वनाथन

FedEx की चेयरपर्सन (मिडिल ईस्‍ट, भारतीय उपमहाद्वीप और अफ्रीका) कामी विश्वनाथन ने NDTV वर्ल्ड समिट में बताया, 'हमारे बोर्ड में 36% महिलाएं हैं.'

ग्रोथ में लीडरशिप करनेवाली महिलाओं के बारे में बात करते हुए उन्‍होंने कहा, 'हमने हाल ही में डायवर्सिटी, समानता और समावेशन के लिए अवसर जोड़े हैं ताकि हम समावेशी बहाली, पदोन्नति और सहायक कैरियर की राह के लिए खुद को फिस रे समर्पित कर सकें.'

उन्‍होंने लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर जोर दिया.

'म्यूचुअल फंड सही है' अभियान का मिला फायदा: केशरे

ललित केशरे के मुताबिक, इन्‍वेस्‍टमेंट को लेकर चलाए जा रहे अभियानों का असर हुआ है. उन्‍होंने कहा,

  • म्यूचुअल फंड सही है जैसे बहुत से अभियानों ने मदद की

  • इंटरनेट, आधार, UPI ने बाधाओं को कम किया

  • ग्रो के पास MF, स्टॉक, डेरिवेटिव जैसे कई प्राॅडक्‍ट्स हैं

  • रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स के लिए म्‍यूचुअल फंड सबसे सही प्राॅडक्‍ट है

  • पहले, निवेश कुछ शहरों तक ही सीमित था

  • अब, बहुत से ग्राहक छोटे शहरों से आ रहे हैं

भारत की ग्रोथ स्‍टोरी कई दशकों की कहानी: ललित केशरे

ट्रेडिंग प्‍लेटफॉर्म Groww के को-फाउंडर और CEO ललित केशरे ने कहा कि भारत की ग्रोथ स्‍टोरी कई दशकों की कहानी है. केशरे ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्‍होंने कॉलेज के दूसरे वर्ष में निवेश करना शुरू किया था. आगे उन्‍होंने कहा,

  • भारत में ई-कॉमर्स का विकास देखकर सौभाग्यशाली महसूस हुआ

  • भारत में बहुत से ग्राहकों तक पहुंचने का अवसर मिला

  • डिजिटल मोर्चे पर UPI, आधार जैसे बहुत से बदलाव हुए

देशभर की फिल्‍मों का मान्‍यता देने का समय: अनसूया सेनगुप्ता

कान फिल्म फेस्टिवल में अपनी फिल्‍म के लिए शीर्ष अभिनय पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय अनुसूया सेनगुप्‍ता ने भारतीय सिनेमा के उभरते परिदृश्य पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि ये सिर्फ बॉलीवुड तक सीमित नहीं है. आज सबसे विविध दृष्टिकोण उभर रहे हैं और अकादमी के लिए क्षेत्रीय फिल्मों पर भी विचार किया जा रहा है.'

अनुसूया ने कहा, 'भारतीय सिनेमा सिर्फ बॉलीवुड से आगे निकल गया है, ये उससे कहीं ज्‍यादा है. अब समय आ गया है कि देश भर की फिल्मों को मान्यता दी जाए और उन्हें बड़े प्लेटफॉर्म पर लाया जाए.'

वर्ल्‍ड समिट में क्‍या बोलीं मानसी माहेश्‍वरी?

फिल्‍मकार मानसी माहेश्वरी ने कहा, 'मेरी पूरी टीम दुनिया भर के अलग-अलग स्थानों से है. मेरे पास दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और महाद्वीपों के विभिन्न हिस्सों से लोग हैं. इसलिए हम सभी के पास अलग-अलग दृष्टिकोण हैं और हम अलग-अलग दृष्टिकोण सामने लाते हैं. मैं अपनी फिल्में भी लिखती हूं.' बता दें कि 77वें कान फिल्‍म फेस्टिवल में मानसी माहेश्वरी की एनिमेटेड फिल्म बनीहुड का प्रीमियर हुआ था.

भाषाई फिल्‍में अब बाधा नहीं: चिदानंद एस नाइक

चिदानंद एस नाइक ने कहा, 'हाल के वर्षों में, हमने बार-बार देखा है कि भाषाई फिल्में अब बाधा नहीं हैं. तेलुगु फिल्में या कन्नड़ फिल्में दुनिया भर के दर्शकों तक पहुंच रही हैं, इसलिए मैं इसे हमारे लिए बाधा के रूप में नहीं देखता.' बता दें कि अपनी फिल्म सनफ्लावर वेयर द फर्स्ट ओन्स टू नो के लिए चिदानंद 2024 के कान फिल्म फेस्टिवल में सिनेफंडेशन पुरस्कार जीता है.

आज कौन-कौन होंगे शामिल?

  • अमिताभ कांत, भारत के G20 शेरपा

  • किशोर महबूबानी, एशिया रिसर्च इंस्टीट्यूट, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के प्रतिष्ठित फेलो

  • एरिक सोलहेम, नॉर्वे के पूर्व जलवायु और पर्यावरण मंत्री

  • लिंडी कैमरून, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त

  • हरजीत सिंह, ग्लोबल एंगेजमेंट डायरेक्टर, फॉसिल फ्यूल नॉन प्रोलिफरेशन ट्रीटी

  • शिशिर प्रियदर्शी, प्रेसिडेंट, चिंतन रिसर्च फाउंडेशन

  • कुणाल बहल, एंटरप्रेन्योर और इन्वेस्टर

  • कामी विश्वनाथन, प्रेसिडेंट, मिडिल ईस्ट इंडियन सबकॉन्टिनेंट और अफ्रीका, FedEx

  • ललित केशरे, को-फाउंडर और CEO, ग्रो

  • डॉ रोहिणी श्रीवत्सा, CTO, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया एंड साउथ एशिया

  • निकी परमार, को-फाउंडर, EssentialAI

  • दीपाली गोयनका, MD, वेलस्पन लिविंग

  • नैस डेली, यूट्यूबर और इन्फ्लुएंसर

  • TS तिरुमूर्ति, UN में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि

  • अनुसुइया सेनगुप्ता, अभिनेत्री और प्रोडक्शन डिजाइनर

  • चिदानंद एस नाइक, डायरेक्टर और पटकथा लेखक

  • मानसी माहेश्वरी, डायरेक्टर और एनिमेटर

  • सौरभ कुमार साहू, MD और लीड, इंडिया बिजनेस, एक्सेंचर

  • अजय बिसारिया, पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त

  • कबीर तनेजा, डिप्टी डायरेक्टर और फेलो, स्ट्रेटेजिक स्टडीज प्रोग्राम, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन

  • डॉ अव्वाद, वरिष्ठ पत्रकार और पश्चिम एशिया रणनीतिकार

  • टिम रोमर, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर APCO, भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत

  • विजन रमेश गोवानी, फाउंडर और ट्रस्टी, कमला अंकीबाई घमंडीराम गोवानी ट्रस्ट

  • गगनदीप सेठी, सीनियर VP, इंटीग्रेटेड ऑपरेशंस एंड सस्टेनेबिलिटी एंड रिस्पॉन्सिबिलिटी, पेरनोड रिकार्ड इंडिया

  • कुंतल शाह, डायरेक्टर, डेलॉइट इंडिया

  • मुस्तफा वाजिद, को-फाउंडर, BILLIONe और चेयरमैन, द मेहर ग्रुप

  • सुधाकर अदापा, फाउंडर और CEO, Bia Brands

  • डॉ AS पायल कनोडिया, चेयरपर्सन और ट्रस्टी, M3M फाउंडेशन

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