Rashmika Mandanna Deepfake: केंद्र ने जारी की एडवाइजरी, गलत सूचनाएं हटाने का निर्देश

किसी भी डीपफेक या गलत सूचना रिपोर्ट किए जाने की स्थिति में 36 घंटे के अंदर उसको प्लेटफॉर्म से हटाने को अनिवार्य किया.

Source: Instagram/rashmika_mandanna, Twitter/Rajeev_GoI

बीती शाम को केंद्र सरकार ने रश्मिका मंधाना (Rashmika Mandanna) डीपफेक मामले पर संज्ञान लेते हुए सभी सोशल मीडिया कंपनियों को एडवाइजरी जारी की. IT नियम 2021 का हवाला देते हुए, केंद्र ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को पोस्ट की गई गलत सूचनाएं और डीपफेक (Deepfake) कॉन्टेंट को खोजने और उसे हटाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक की पहचान के लिए उचित कदम उठाने को कहा.

इलेक्ट्रॉनिक्स और IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर पर इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले सभी नागरिकों की सुरक्षा और भरोसे पर जोर दिया.

क्या है एडवाइजरी में?

  • एडवाइजरी में केंद्र सरकार ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को गलत सूचनाओं, डीपफेक की पहचान सुनिश्चित करने को लेकर निर्देश दिए.

  • किसी भी डीपफेक या गलत सूचना रिपोर्ट किए जाने की स्थिति में 36 घंटे के अंदर उसको प्लेटफॉर्म से हटाना अनिवार्य किया.

  • ऐसा नहीं कर पाने की स्थिति में IT नियम 2021 के नियम 7 के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 (1) के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

राजीव चंद्रशेखर ने डीपफेक से प्रभावित होने वाले सभी लोगों से लोकल पुलिस स्टेशन में FIR करने और IT नियम, 2021 के मुताबिक कानूनी उपाय अपनाने को कहा.

डीपफेक एडवांस्ड आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से बनाए जाते हैं, जिसमें ओरिजिनल वीडियो के ऑडियो या वीडियो को डिजिटल तरीके से हेर-फेर करके फर्जी कॉन्टेंट बनाया जाता है.

कई बार ये वीडियो किसी एक्टर, नेता या किसी सेलेब्रिटी की छवि बिगाड़ने के लिए, अपने फायदे के लिए और कई बार हंसी मजाक के लिए बनाया जाता है. ये किसी भी शख्स की प्राइवेसी और छवि को भयंकर नुकसान पहुंचा सकता है.

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BQ Prime को पहले दिए गए इंटरव्यू में IP लॉ फर्म के मैनेजिंग पार्टनर प्रवीण आनंद ने कहा, 'अपने निजी फायदे के लिए आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस ने डीपफेक और जेनेरेटिव AI के जरिए सेलेब्रिटीज की निजी जिंदगी को बर्बाद करने के काम को बहुत आसान कर दिया है.'

BDO इंडिया में पार्टनर सोमन दत्ता ने कहा है, इस समय डीपफेक से निपटने के लिए एक रेगुलेटर की जरूरत है. ये ऐसे मौके पर और ज्यादा जरूरी हो जाता है, जब किसी आम आदमी के साथ ये घटना होती है. भारत जैसे देश में डीपफेक के खिलाफ विशेष कानून बनाना जरूरी है, जहां पर 140 करोड़ से ज्यादा की आबादी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है.