Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के RG-KAR मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को आजीवन कारावास और ₹50,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है.
सियालदह के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने रॉय को शनिवार को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी ठहराया था.
मुख्य आरोपी संजय रॉय, कोलकाता पुलिस का सिटिजन वॉलेंटियर रहा है, जिसने पिछले साल 9 अगस्त को शहर के उत्तरी हिस्से में स्थित सरकारी अस्पताल में पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया और फिर उसकी निर्मम हत्या कर दी.
कोर्ट में आज क्या हुआ?
सजा के ऐलान से पहले CBI ने कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि ये रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस है. इसमें किसी तरह की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए. CBI ने संजय को मौत की सजा देने का आग्रह किया था. मृतक डॉक्टर के माता-पिता की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कड़ी सजा का अनुरोध करते हुए तर्क दिया कि रॉय स्वयंसेवक होने के नाते अस्पताल की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार था, लेकिन उसने खुद ही पीड़ित चिकित्सक के साथ जघन्य अपराध किया, जिसकी रक्षा करना उसका कर्तव्य था. दूसरी ओर बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उसे सुधरने का मौका देने के लिए 'मृत्युदंड के अलावा किसी अन्य वैकल्पिक सजा' का अनुरोध किया.
कोर्ट में गिड़गिड़ाता दिखा संजय रॉय
कोर्ट में सुनवाई के दौरान संजय रॉय बार-बार जज के सामने गिड़गिड़ाता नजर आया. उसने जज से कहा कि मुझे इस मामले में फंसाया जा रहा है. मैंने ऐसा कोई अपराध नहीं किया. जेल में मुझे पीटा गया और मुझसे जबरन कागजात पर हस्ताक्षर करवाए गए. उसकी इस बात पर कोर्ट में मौजूद जज ने कहा कि तुम्हारे ऊपर लगे सारे आरोप साबित हो चुके हैं. ऐसे में हम सजा के बिंदु पर सुनवाई कर रहे हैं.
घटना के अगले ही दिन हुई थी गिरफ्तारी
9 अगस्त को डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार रूम से बरामद किया गया था. मामले की जांच कर रही कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था. बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया था. इस मामले में 12 नवंबर को बंद कमरे में सुनवाई शुरू हुई थी, इसके 57 दिन बाद सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अनिर्बाण दास ने संजय रॉय को दोषी करार दिया और आज सोमवार को सजा सुनाई गई.
देश भर में हुए थे विरोध प्रदर्शन
इस जघन्य अपराध के खिलाफ देश भर में आक्रोश फैला था और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे. कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने पीड़िता के लिए न्याय और सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की मांग करते हुए लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया था. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गाइडलाइन तय की गई है और व्यवस्था बनाई गई है.
ऐसे पकड़ में आया था संजय
8 और 9 अगस्त 2024 की अहले सुबह करीब 4:03 बजे मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में आरोपी संजय राय अंदर गया और 4:32 बजे बाहर निकला. उसने केवल 29 मिनट के भीतर ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया और उसकी हत्या कर दी. उसके मोबाइल की लोकेशन और CCTV फुटेज से ये साबित हुआ है.
आरोपी संजय रॉय का ब्लूटूथ भी घटनास्थल पर मिला, जिसकी MAC-ID उसके मोबाइल की ब्लूटूथ हिस्ट्री की MAC-ID से मैच हो गई. ब्लूटूथ भी ऑटोमेटिक उसके मोबाइल से कनेक्ट हो गया.
पीड़िता के शरीर पर आरोपी के मुंह का सलाइवा पाया गया. संजय रॉय की जींस और जूतों पर पीड़िता का खून पाया गया. संजय का DNA मौके पर मिले सबूतों से मैच हुआ.
संजय के शरीर पर जो चोट के 5 निशान मिले, वो 24 से 48 घंटे के पहले के थे. ये ब्लंट फोर्स इंजरी थी, जो बचाव की कोशिश के दौरान की थीं.
फुटप्रिंट मैपिंग और मौका-ए-वारदात की 3D मैपिंग, फोरेंसिक जांच से ये साफ हुआ कि उस रात वहां कोई दूसरा शख्स नहीं आया था.
संजय रॉय के बचाव में उसके नपुंसक होने का तर्क भी दिया गया था, लेकिन मेडिकल जांच में दावा खारिज करते हुए बताया गया कि वो यौन रूप से नपुंसक नहीं है.
इस केस के दौरान 128 लोगों के बयान दर्ज किए गए, जो केस को अंजाम तक पहुंचाने में काफी अहम रहे.
पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता ने दावा किया है कि अपराध में अन्य लोग भी शामिल थे और उन्हें उम्मीद है कि उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा और अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा. पीड़िता के माता-पिता ने भी मामले की आगे की जांच की मांग करते हुए अदालत में एक आवेदन दायर किया है.