राष्ट्रपति बाइडेन का पहला भारत दौरा; अमेरिका की बढ़ती चुनौतियों के बीच खास यात्रा, क्या है एजेंडा?

जो बाइडेन ने अहम आसियान समिट में हिस्सा लेने के बजाए भारत दौरे को प्राथमिकता दी है. जानें क्यों अहम है ये दौरा

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सितंबर में भारत का दौरा (Joe Biden In India) करने वाले हैं. मंगलवार को व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति 7 से 10 सितंबर के बीच G-20 लीडर्स समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत आएंगे. राष्ट्रपति बनने के बाद ये बाइडेन की पहली भारत यात्रा है.

भारत ने 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक एक साल के लिए G-20 की अध्यक्षता संभाली है. इस कार्यक्रम के तहत देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग मुद्दों पर कई बैठकें हो रही हैं.

कैसा है शेड्यूल

जो बाइडेन G-20 बैठक में हिस्सा लेने से 2 दिन पहले 7 सितंबर को भारत आएंगे. G-20 समिट 9 और 10 सितंबर को है.

सुरक्षा के चलते दिल्ली पुलिस ने राज्य सरकार से 3 दिन के लिए स्कूलों और दफ्तरों की छुट्टी करने की मांग की थी. दिल्ली सरकार ने 8 से 10 सितंबर के बीच स्कूलों और सरकारी दफ्तरों की सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया है. सुरक्षा के चलते कुछ मेट्रो स्टेशनों को बंद रखा जा सकता है, लेकिन मेट्रो सर्विस चालू रहेगी. NDMC मार्केट, बैंक, दुकानें भी इस दौरान बंद रहेंगी.

क्या है मुख्य एजेंडा

व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरीन जीन पियरे ने बताया कि प्रेसिडेंट बाइडेन और G20 पार्टनर्स, क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन, क्लाइमेट चेंज, यूक्रेन युद्ध के प्रभावों को कम करने जैसे तमाम वैश्विक मुद्दों का हल निकालने के लिए साझा कोशिशों पर चर्चा करेंगे.

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति इस दौरे में इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक में सुधार की अपील करेंगे, ताकि विकासशील देशों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध हो पाएं.

IMF और वर्ल्ड बैंक की कर्ज क्षमता बढ़ाने की कोशिश

व्हाइट हाउस नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जैक सुलिवन ने कहा कि 'IMF और वर्ल्ड बैंक' को चीन के बेल्ड एंड रोड इनीशिएटिव की तुलना में ज्यादा बेहतर डेवलपमेंट सपोर्ट और फाइनेंसिंग ऑप्शन उपलब्ध कराने होंगे. तमाम देश हमसे मदद की गुहार लगा रहे हैं.

जो बाइडेन इस दौरे में एक प्रस्ताव रखेंगे, जिसके लागू होने पर वर्ल्ड बैंक और IMF की लैंडिंग पावर 200 बिलियन डॉलर बढ़ जाएगी.

G-20 में बाइडेन, वर्ल्ड बैंक और IMF समेत मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक के मॉडर्नाइजेशन पर बहुत ज्यादा ध्यान केंद्रित करेंगे. हमारा लक्ष्य है कि डेवलपमेंट बैंक, विकासशील देशों के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए 'हाई स्टैंडर्ड, हाई लेवरेज सॉल्युशंस' उपलब्ध करवाएं.
जैक सुलिवन

आसियान समिट पर भारत दौरे को प्राथमिकता

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान की अहम समिट हो रही हैं. वहां अमेरिका की तरफ से उपराष्ट्रपति कमला हैरिस हिस्सा ले रही हैं. ईस्ट एशिया समिट और US-ASEAN समिट के लिए हैरिस 4 से 7 सितंबर के बीच जकार्ता में होंगी.

क्यों अहम है दौरा

  • जैसा ऊपर बताया कि बाइडेन का फोकस वर्ल्ड बैंक और IMF में सुधार कर चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के प्रभाव को काउंटर करना रहेगा. बाइडेन की कोशिश है फाइनेंसिंग को बेहतर कर दूसरे देशों को इस इनीशिएटिव पर निर्भर होने से रोका जा सके.

  • इस दौरे में बाइडेन की प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी, जिसमें डिफेंस, ट्रेड, साइबर से जुड़े कुछ समझौते भी हो सकते हैं. बता दें अमेरिका पहले ही जेट इंजन समेत अन्य तकनीकें भारत को ट्रांसफर करने की मंशा जता चुका है. ये जून में PM मोदी के दौरे के बाद की कड़ी होगी. उनके दौरे में भी डिफेंस से जुड़े अहम समझौते हुए थे.

  • अमेरिका, भारत की रूस पर रक्षा निर्भरता भी कम करना चाहता है. ध्यान रहे यूक्रेन युद्ध के दौरान अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद भारत, रूस की आलोचना और उसके खिलाफ कदम उठाने से बचता रहा. इसकी बड़ी वजह भारत-रूस में डिफेंस कोऑपरेशन मानी गई. अमेरिका खुलकर कह चुका है कि G-20 में यूक्रेन मुद्दा फोकस में रहेगा, ऐसे में इस मुद्दे पर भविष्य में अमेरिका भारत का सहयोग हासिल करने की कोशिश भी करेगा.

  • भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने Indiaspora G-20 फोरम में एक उदबोधन दिया. इसमें उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनसे कहा है कि भारत उनके लिए सबसे अहम देश है. गार्सेटी का ये स्टेटमेंट अमेरिका के लिए भारत की स्ट्रैटेजिक पोजिशन को दिखाता है. ऐसे में इस दौरे पर बाइडेन चीन के बढ़ते प्रभाव वाली दुनिया में भारत को और मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं.

एक मंच पर हो सकते हैं बाइडेन और पुतिन

हाल में पुतिन के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने अरेस्ट वारंट इश्यू किया था. जिसके बाद उन्होंने साउथ अफ्रीका में एक समिट में हिस्सा नहीं लिया था. लेकिन भारत ICC में पार्टी नहीं है. रूस की तरफ से भी अब तक पुतिन के हिस्सा ना लेने की बात नहीं कही गई है.

ऐसे में बहुत संभावना बनती है कि इस समिट में पुतिन और बाइडेन एक मंच पर हो सकते हैं. इसके अलावा दूसरे संभावित अहम नेताओं में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हो सकते हैं.

भारत आने वाले 8वें अमेरिकी राष्ट्रपति हैं बाइडेन

जो बाइडेन राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार भारत आ रहे हैं. वे भारत की यात्रा करने वाले 8वें अमेरिकी राष्ट्रपति हैं. सबसे पहले ड्वाइट आइजनहावर 1959 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में भारत आए थे. उन्होंने संसद में संयुक्त सत्र को भी संबोधित किया था.

उनके बाद 1969 में रिचर्ड निक्सन, 1978 में जिमी कार्टर आए थे. फिर सीधे 22 साल बाद साल 2000 के मार्च महीने में बिल क्लिंटन भारत आए थे. इस विस्तृत दौरे में उन्होंने नई दिल्ली के अलावा मुंबई, जयपुर, आगरा और हैदराबाद जैसे शहरों का भ्रमण भी किया था. इस सदी में भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत के बीच, क्लिंटन के दौरे के बाद सभी अमेरिकी राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में भारत जरूर आए हैं.

2006 में जॉर्ज बुश, 2010 में बराक ओबामा भारत आए. 5 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इनविटेशन पर बराक ओबामा दोबारा गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आए. भारत की यात्रा करने वाले अंतिम अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप थे.

2020 में वे पत्नी मेलानिया और बेटी इवांका ट्रंप के साथ भारत आए थे. अपने दौरे में वे दिल्ली, आगरा और अहमदाबाद गए. अहमदाबाद में ट्रंप की मेजबानी में 22 किलोमीटर लंबे रोड शो का आयोजन किया गया था. उन्होंने मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में 'नमस्ते ट्रंप' नाम के कार्यक्रम को भी संबोधित किया था.

क्या है G-20

  • एशियन फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद 1999 में गठन हुआ

  • पहले वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक गवर्नर स्तर का फोरम, बाद में स्टेट/गवर्मेंट हेड लेवल पर प्रोमोट किया गया.

  • फोरम को 'इंटरनेशनल इकोनॉमिक डिस्कशन का प्रीमियर फोरम' माना जाता है.

  • संगठन में शामिल देशों के पास दुनिया की 80% GDP, 75% ग्लोबल ट्रेड और 60% आबादी की हिस्सेदारी है.

  • फोरम फिलहाल ट्रेड, क्लाइमेंट चेंज, एनर्जी, पर्यावरण, एंटी करप्शन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट आदि मुद्दों पर फोकस करता है.

  • फिलहाल G-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, UK, USA और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं.

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