रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 2024 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी है. इस साल ये पुरस्कार डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए रॉबिन्सन को दिया गया है. उन्हें ये पुरस्कार 'संस्थान कैसे बनते हैं और कैसे ये संपन्नता को प्रभावित करते हैं' के विषय पर अध्ययन के लिए ये पुरस्कार दिया गया है.
बता दें एसमोग्लू और जॉनसन, अमेरिका में MIT में काम करते हैं, जबकि रॉबिन्सन, शिकागो यूनिवर्सिटी में रिसर्चर हैं.
दरअसल तीनों ने अपने काम से बताया है कि कैसे राजनीतिक और इकोनॉमिक सिस्टम काम करते हैं, खासतौर पर ऐसे सिस्टम जिन्हें औपनिवेशिक दौर में बनाया गया था, उनका कई देशों की समृद्धि पर असर पड़ा है. इनके काम से देशों के बीच बढ़ रही आर्थिक खाई को भी बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली है.
एकेडमी ने कहा, 'दुनिया के सबसे अमीर 20% देश, दुनिया के सबसे गरीब 20% देशों से 30 गुना ज्यादा अमीर हैं. हालांकि गरीब देशों में संपन्नता आई है, लेकिन फिर भी वे सबसे संपन्न देशों की बराबरी नहीं कर पा रहे हैं.'
नोबेल पुरस्कार विजेताओं को गोल्ड मेडल के साथ एक मिलियन डॉलर दिए जाते हैं. इकोनॉमिक्स के नोबेल पुरस्कार को स्वेरिग्स रिक्सबैंक प्राइज भी कहा जाता है. दरअसल स्वीडन के केंद्रीय बैंक स्वेरिजेस रिक्सबैंक ने अल्फ्रेड नोबेल की याद में इस पुरस्कार को देना शुरू किया था.
इससे पहले 2023 का इकोनॉमिक साइंस का नोबेल पुरस्कार क्लाउडिया गोल्डिन (Claudia Goldin) को मिला था. गोल्डिन ने महिला लेबर मार्केट के क्षेत्र में काम किया है.