Davos WEF 2025: अगले कुछ वर्षों में ग्लोबल ग्रोथ में 20% होगी भारत की हिस्सेदारी, NDTV से बोले WEF प्रेसिडेंट

स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग से पहले ब्रेंडे ने NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

Source: NDTV

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के प्रेसिडेंट और CEO बोर्गे ब्रेंडे का मानना है कि आर्थिक सुधारों की बदौलत भारत की विकास दर 7-8% तक पहुंचने की क्षमता है. स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग से पहले ब्रेंडे ने NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि भारत में अपार संभावनाएं हैं. कुछ वर्षों में भारत की हिस्सेदारी कुल ग्लोबल ग्रोथ में 20% होगी.'

ब्रेंडे ने कहा, 'इस वर्ष 6% की दर से भारत अभी भी काफी अच्छी ग्रोथ कर रहा है. लेकिन कोई संशय नहीं कि भारत फिर से रफ्तार पकड़ेगा और 7% से 8% की दर से ग्रोथ कर पाएगा, बशर्ते इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा के साथ अनुसंधान और विकास(R&D) में निवेश पर सुधार हो.'

भारत में स्टार्टअप्स की अपार ताकत

WEF प्रेसिडेंट ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि कुछ वर्षों में भारत की हिस्सेदारी कुल वैश्विक वृद्धि में 20% होगी. यह काफी अविश्वसनीय है. और भारत के लिए एक और बात कारगर है कि यहां स्टार्टअप्स की अपार ताकत है. भारत में 1,20,000 से अधिक स्टार्टअप्स हैं. मुझे लगता है कि अब 120 से अधिक यूनिकॉर्न हैं. इसलिए मुझे लगता है कि ये इकोसिस्टम भविष्य की ग्रोथ का आधार भी है.'

जल्द ही $10 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनेगा भारत

भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की संभावना के सवाल पर उन्होंने कहा, 'भारत जल्द ही 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा. भारत के हित में ये भी है कि व्यापार अब डिजिटल व्यापार और सेवाओं की ओर अधिक बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, "यह पारंपरिक वस्तुओं की तुलना में तीन गुना तेजी से बढ़ रहा है. और ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत बहुत मजबूत है."

'डिजिटलीकरण से बढ़ती है प्रॉडक्टिविटी'

वर्कफोर्स के अधिक डिजिटलीकरण से उत्पन्न होने वाली कुछ प्रमुख चुनौतियों या अवसरों के बारे में NDTV के एक सवाल के जवाब में, ब्रेंडे ने कहा, 'इससे प्रॉडक्टिविटी बढ़ती है, जो कि कम संसाधनों के साथ अधिक उत्पादन करने के समान है. और निश्चित रूप से, इससे कुछ नौकरियों को चुनौती मिलेगी जो आज बैक ऑफिस या अन्य नौकरियों में हैं. लेकिन अगर इससे लोग उन क्षेत्रों में चले जाते हैं, जहां आप वैल्यू चेन में ज्यादा उत्पादन करते हैं, तो अपने आप बेहतर भुगतान होगा.'

उन्होंने कहा, '...इसलिए, भारत के लिए, नई टेक्नोलॉजी के मामले में निश्चित रूप से बहुत सारे अवसर हैं. लेकिन शॉर्ट टर्म में ये चुनौतियां भी पैदा करता है. क्योंकि लोगों को अपस्किल और रीस्किल करना पड़ता है.'

जलवायु परिवर्तन बेहद महत्वपूर्ण मसला

जलवायु परिवर्तन पर बात करते हुए ब्रेंडे ने कहा कि ये जलवायु अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है और आप अभी लॉस एंजिल्स से वापस आए हैं. आपने जंगलों में लगी आग देखी है. हमने सूखा भी देखा है. हम जानते हैं कि कृषि उत्पादन, खाद्य उत्पादन अब अधिक चुनौतीपूर्ण हो रहा है.'

उन्होंने कहा, '...क्योंकि ऐसे क्षेत्र हैं जहां आप वो नहीं उगा सकते जो आप पहले उगाते थे. इसलिए सामान्य तौर पर, मैं कहूंगा कि जलवायु परिवर्तन के मामले में निष्क्रियता की लागत, कार्रवाई की लागत से कहीं अधिक है. इसलिए हमें गति बनाए रखने की आवश्यकता है. हमें आने वाले वर्षों में कम CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) उत्सर्जित करने की आवश्यकता होगी, ताकि हम 2 डिग्री के लक्ष्य पर टिके रह सकें.'

उन्होंने कहा कि 2 डिग्री का लक्ष्य बहुत मायने रखता है, विशेष रूप से उन देशों के लिए जो सबसे अधिक असुरक्षित हैं, जो ऐसे देश हैं जिन्होंने सबसे कम CO2 उत्सर्जित किया है, पारंपरिक रूप से अफ्रीकी देश हैं. लेकिन इसमें भारत भी शामिल है जिसने पहले ही हीट वेव्स का सामना किया है और 'इसकी वैल्यू देखी है'.

WEF में भारत का लक्ष्य

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक 20 जनवरी से शुरू हो रही है. इस पांच दिवसीय बैठक में डेवलपमेंट री-लॉन्च, नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने और सामाजिक और आर्थिक लचीलेपन को मजबूत करने के तरीकों पर विचार किया जाएगा. इस मीटिंग में 130 से अधिक देशों के लगभग 3,000 लीडर्स भाग ले रहे हैं.

भारत का फोकस पार्टन​रशिप को मजबूत करने, निवेश आकर्षित करने के साथ तकनीकी नवाचार और सतत विकास में ग्लोबल लीडर की भूमिका बनाए रखने पर है. भारत की ओर से 5 केंद्रीय मंत्री और तीन मुख्यमंत्री के साथ कई और भी राज्यों के मंत्री दावोस पहुंच रहे हैं.

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