भारत (India) कूटनीतिक कदम उठाते हुए विश्व बैंक (World Bank) के समक्ष पाकिस्तान (Pakistan) को प्रस्तावित 20 बिलियन डॉलर के लोन पैकेज पर औपचारिक आपत्तियां उठाने जा रहा है. टॉप सरकारी सूत्रों ने इस मामले की जानकारी दी है. पाकिस्तान को दिए जाने वाले इस लोन को जून 2025 में मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
दरअसल भारत, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने की तैयारी में है. भारत, वर्ल्ड बैंक और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसे संगठनों का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है.
9 मई को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बेलआउट पैकेज
भारत का ये रुख उस आपत्ति के बाद आया है, जिसमें 9 मई को भारत के विरोध के बावजूद IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने पाकिस्तान को 9 मई को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बेलआउट पैकेज दे दिया गया था. भारत ने IMF को चेताया था कि इस फंड का इस्तेमाल आर्थिक सुधार के बजाय आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में किया जा सकता है.
ग्रे लिस्ट में डालने की सिफारिश
इसके साथ ही भारत इस मामले को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के सामने रखेगा. भारत ये सिफारिश करेगा कि पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में फिर से डाला जाए. पाकिस्तान आतंकी फंडिंग पर रोक लगाने में असफल रहा है. आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान ने कोई उचित कदम नहीं उठाये हैं.
जून 2018 में FATF की 'ग्रे लिस्ट' में डाला गया था पाकिस्तान
पाकिस्तान को जून 2018 में FATF की 'ग्रे लिस्ट' में डाला गया था. लेकिन, अक्टूबर 2022 में उसे इस लिस्ट से हटा दिया गया. पाकिस्तान सरकार ने दावा किया था कि उसने आतंकी फंडिंग पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए हैं और आतंकियों को जेल में डाला है जिसकी वजह से उसको रियायत मिली थी.
वरिष्ठ अधिकारियों ने भी IMF के हालिया फैसले पर गहरी निराशा व्यक्त की, जबकि भारत ने सीधे तौर पर IMF की MD क्रिस्टालिना जॉर्जीवा को अपनी चिंताएं बताई थीं. एक अधिकारी ने कहा, 'भारत किसी भी देश को वित्तीय सहायता देने के खिलाफ नहीं है, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि ये बेलआउट युद्ध जैसी स्थिति में आया है.'
भारत ने IMF से कहा था कि पिछले कुछ दशक में जब भी IMF ने पाकिस्तान की वित्तीय सहायता की है, उस साल पाकिस्तान की हथियारों की खरीद बढ़ गई है.