WTO ‘पैनल’ के फैसले को चुनौती देगा भारत, ICT इंपोर्ट ड्यूटी में नियमों का बताया था उल्लंघन

WTO के ‘पैनल’ ने सोमवार को कहा था कि कुछ इन्फार्मेशन और टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट पर भारत का आयात शुल्क वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन करते हैं.

Source : wto.org

भारत विश्व व्यापार संगठन यानि WTO के ट्रेड डिस्प्यूट सेटलमेंट पैनल के उस फैसले को चुनौती देगा जिसमें कहा गया है कि कुछ इन्फार्मेशन और टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स पर देश का आयात शुल्क वैश्विक व्यापार के नियमों का उल्लंघन करता है. कॉमर्स मिनिस्ट्री के सूत्रों ने यह जानकारी दी है.

कॉमर्स मिनिस्ट्री के सूत्रों ने कहा कि भारत WTO समिति के फैसले को WTO की अपीलेट बॉडी में चुनौती देगा, ये बॉडी जो इस तरह के व्यापार विवाद का समाधान करने वाली सर्वोच्च संस्था है. सूत्रों ने यह भी कहा कि इस फैसले का घरेलू उद्योग पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.

भारत ने मोबाइल फोन और उसके कंपोनेंट्स, बेस स्टेशन, इंटीग्रेटेड सर्किट और ऑप्टिकल इंस्ट्रूमेंट्स समेत कई तरह के ICT प्रोडक्ट्स पर आयात शुल्क लगाया था.

WTO में EU, जापान और ताइवान ने विवाद दायर किया

WTO के ‘पैनल’ ने सोमवार को कहा था कि कुछ इन्फार्मेशन और टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स पर भारत का आयात शुल्क वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन करते हैं. इसके खिलाफ WTO में यूरोपीय यूनियन, जापान और ताइवान ने विवाद ने शिकायत दाखिल की है. जिसके बाद ये फैसला आया है.

2 अप्रैल 2019 को यूरोपीय यूनियन ने दावा किया था कि भारत की ओर से लगाए गए ये शुल्क WTO के कुछ प्रावधानों के साथ अप्रासंगिक हैं. इसके बाद, सिंगापुर और चीनी ताइपे ने परामर्श के लिए शामिल होने का अनुरोध किया.

तWTO के नियमों के अनुसार, एक WTO मेंबर या मेंबर्स बहुपक्षीय निकाय में मामला दर्ज कर सकते हैं यदि उन्हें लगता है कि कोई WTO के मानदंडों के खिलाफ है.

ट्रेड एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर एपीलेट बॉडी भी भारत के खिलाफ फैसला सुनाती है, तो भारत को उसका पालन करना होगा और उनके तरीके में उचित बदलाव करना होगा.

पिछले साल, भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के ट्रेड डिस्प्यूट सेटलमेंट पैनल के एक फैसले के खिलाफ अपील की थी, जिसमें कहा गया था कि चीनी और गन्ने के लिए देश के घरेलू समर्थन उपाय वैश्विक व्यापार मानदंडों के साथ मेल नहीं खाते हैं