Gold Investment Strategy: गोल्‍ड ₹1 लाख के करीब! अब क्या करें निवेशक? जानिए एक्सपर्ट की राय

NDTV Profit हिंदी ने मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ कमोडिटी एंड करंसी किशोर नारने से बातचीत की.

Source: NDTV Profit

सोने की चमक लगातार बढ़ती जा रही है. MCX पर जून वायदा गोल्‍ड का भाव 1 लाख रुपये के करीब ट्रेड कर रहा है. 24 कैरेट गोल्ड का स्पॉट प्राइस भी इसी लेवल के करीब है, वहीं 22 कैरेट सोना भी महंगा हो चुका है.

ऐसे में निवेशकों के सामने कई बड़े सवाल सामने है. ये मुनाफा वसूली का समय है या निवेश का? जिनके निवेश पोर्टफोलियो में पहले से गोल्‍ड है, उनके मन में सवाल है कि उन्‍हें प्रॉफिट बुक करना चाहिए या और इंतजार. वहीं, जो अबतब निवेश नहीं कर पाए, वे सोच रहे हैं कि क्‍या अब निवेश करना चाहिए?

ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए NDTV Profit हिंदी ने मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ कमोडिटी एंड करंसी किशोर नारने से बातचीत की. उन्होंने बताया कि मौजूदा माहौल में निवेशकों को क्या करना चाहिए.

10 प्‍वाइंट में समझिए, उनसे पूरी बातचीत का निचोड़.

  • पहले से तय था टारगेट: किशोर नारने ने बताया कि उन्होंने गोल्ड के $3200 और फिर $3740 तक पहुंचने का अनुमान पहले ही लगाया था. इस लिहाज से मौजूदा तेजी आश्चर्यजनक नहीं है.

  • जल्दी आ गई है तेजी: 6–12 महीने में जितनी तेजी की उम्मीद होती है, वो महज़ 10 दिनों में आ गई. इससे बाजार में घबराहट और असमंजस बढ़ा है.

  • नए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए: जो लोग अब गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें छोटे डिप पर धीरे-धीरे निवेश करना चाहिए. फुल अमाउंट लगाना समझदारी नहीं होगी.

  • गोल्ड अब करेंसी जैसा बर्ताव कर रहा: सोना अब सिर्फ कमोडिटी नहीं रहा, बल्कि ग्लोबल रिजर्व करंसी के तौर पर देखा जा रहा है. डॉलर का विकल्प बनता जा रहा है.

  • मार्केट और गोल्ड साथ-साथ भागे: कोविड के बाद से देखा गया है कि गोल्ड और इक्विटी दोनों एक साथ बढ़ते हैं. पहले जैसा इन्वर्स रिलेशन अब नहीं रहा.

  • सोच-समझकर करें मुनाफावसूली: अगर किसी के पास बेहतर निवेश विकल्प है तो गोल्ड से कुछ हिस्से की मुनाफा वसूली की जा सकती है. वरना लंबी अवधि तक होल्ड करना ठीक रहेगा.

  • दिशा अब भी पॉजिटिव: विशेषज्ञों के अनुसार गोल्ड $4000–4500 तक भी जा सकता है, जो भारतीय मार्केट में ₹1.4 लाख तक के रेट को दर्शाता है, हालांकि इसमें 12–18 महीने लग सकते हैं.

  • मार्केट से बेहतर रिटर्न: जहां 2024 में शेयर बाजार ने 8% रिटर्न दिया है, वहीं गोल्ड ने 21% और सिल्वर ने 17% से ज्यादा रिटर्न दिया है.

  • सिल्वर बना इंडस्ट्रियल मेटल: सिल्वर अब सिर्फ प्रेशियस मेटल नहीं रहा. यह इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर एनर्जी जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल होने के कारण इंडस्ट्रियल मेटल बन चुका है.

  • सिल्वर का फंडामेंटल मजबूत: प्रोडक्शन कम और मांग ज्यादा होने के कारण सिल्वर में 'प्राइमरी डेफिसिट' है. लेकिन गोल्ड जैसा ‘सेफ हेवन’ स्टेटस ना होने से फिलहाल गोल्ड से थोड़ा पीछे है.

तो फिर क्‍या करें निवेशक?

  • जिनके पास पहले से गोल्ड है, वे लंबी अवधि के लिए होल्ड करें.

  • जिन्‍होंने अभी तक निवेश नहीं हुआ है, वे डिप आने पर धीरे-धीरे खरीदारी करें.

  • मार्केट उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए धैर्य और समझदारी से काम लें.

गोल्‍ड, अब सिर्फ ज्‍वैलरी के लिए नहीं, बल्कि ये दुनिया की सबसे भरोसेमंद वैकल्पिक करेंसी के तौर पर उभरता जा रहा है. ऐसे में निवेशकों के लिए ये एक दीर्घकालिक अवसर है, बस जरूरी है, सही समय पर सही फैसला लेने की.

Also Read: गोल्‍ड लोन पर RBI क्‍यों ला रहा नई गाइडलाइंस, MPC में बैंकिंग सिस्‍टम पर और कौन-से फैसले लिए गए?