Special Surrender Value: लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी पर मिलेगी ज्‍यादा सरेंडर वैल्‍यू, आज से लागू हुए नए नियम! यहां समझ लीजिए पूरा कैलकुलेशन

अगर पॉलिसीहोल्‍डर बीच में ही पॉलिसी लौटाने का फैसला करता है तो उसे आय और बचत का हिस्सा दिया जाएगा.

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लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की सरेंडर वैल्‍यू से जुड़ा एक बड़ा बदलाव आज 1 अक्‍टूबर से लागू हो गया है. अब पॉलिसी सरेंडर करने पर इंश्‍योरेंस होल्‍डर को पहले की तुलना में ज्‍यादा पैसे मिलेंगे. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने इसी साल जून में इन नियमों काे लेकर एक सर्कुलर जारी किया था, जो कि 1 अक्‍टूबर से लागू हो गया है.

नए नियमों के मुताबिक, अब इंश्योरेंस कंपनियों को पॉलिसी पर स्पेशल सरेंडर वैल्यू (Special Surrender Value) देनी पड़ेगी. यानी जरूरत पड़ने पर या फिर किसी मजबूरी में अगर कोई पॉलिसी होल्‍डर अपनी इंश्‍योरेंस पॉलिसी सरेंडर करता है तो उसे ज्‍यादा रिफंड मिलेगा. इस प्रक्रिया को आसान किया गया है, जिसके चलते पॉलिसीहोल्‍डर्स को प्‍लान बदलने में भी आसानी होगी.

क्‍या होती है सरेंडर वैल्‍यू?

इंश्‍योरेंस में 'सरेंडर वैल्यू' वो राशि से है, जो मैच्योरिटी से पहले पॉलिसी लौटाने पर बीमा कंपनी की तरफ से पॉलिसीहोल्‍डर्स को भुगतान की जाती है.

इसके तहत अगर पॉलिसीहोल्‍डर बीच में ही पॉलिसी लौटाने का फैसला करता है तो उसे आय और बचत का हिस्सा दिया जाएगा. सभी इंश्योरेंस कंपनियों को स्पेशल सरेंडर वैल्यू को बेहतर करना पड़ेगा.

इसमें देखा जाएगा कि आपने कितना प्रीमियम दे दिया है और आपको उस पर क्या लाभ मिलने वाला था. स्पेशल सरेंडर वैल्यू की हर साल समीक्षा भी की जाएगी.

पहले साल में भी मिलेगा ज्‍यादा रिफंड

IRDAI ने सभी बीमा कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वो सभी एंडोमेंट पॉलिसी (Endowment Policy) पर पॉलिसीहोल्‍डर्स को इन नियमों का लाभ दें.

  • पुराने नियमों के मुताबिक 2 साल बाद पॉलिसी सरेंडर करने पर ही उसे कुल चुकाए गए प्रीमियम की 30% रकम मिलती है.

  • वहीं, 3 साल बाद पॉलिसी सरेंडर पर 35%, 4 से 7 साल के बीच 50% और पॉलिसी की मैच्योरिटी से 2 साल पहले सरेंडर करने पर 90% सरेंडर वैल्यू मिलती है.

  • एक साल बाद पॉलिसी सरेंडर करने पर रिफंड का प्रावधान नहीं था. अभी तक अगर आप एक साल के अंदर पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो आपको प्रीमियम का कुछ भी वापस नहीं मिलता है.

  • नए स्पेशल सरेंडर वैल्यू नियमों के अनुसार, पॉलिसीहोल्डर को पहले साल में भी पॉलिसी सरेंडर करने पर रिफंड देना होगा.

पेड अप सम एश्योर्ड मिलना तय 

नई व्‍यवस्‍था के तहत स्‍पेशल सरेंडर वैल्‍यू (SSV) कम से कम मौजूदा पेड अप सम एश्योर्ड (Paid-up Sum Assured ) के बराबर होनी चाहिए.

मान लीजिए आपने 10 लाख रुपये की कोई पॉलिसी ली है. जो 10 साल में मैच्योर होनी है. लेकिन आप उसको सिर्फ 2 साल तक ही चला पाए, तो ऐसे में आप सिर्फ 2 लाख रुपये के सम-एश्योर्ड के हकदार होंगे.

पॉलिसीहोल्‍डर्स को पॉलिसी सरेंडर करने पर पेड-अप सम एश्योर्ड के साथ साथ पेड-अप फ्यूचर बेनेफिट्स भी देने होंगे.

जैसे इनकम बेनेफिट्स वगैरह, अगर उस पॉलिसी में शामिल हो तो. ये सरेंडर वैल्यू पॉलिसी होल्‍डर्स को तभी मिलेगी, जब उसने पूरे एक साल तक प्रीमियम भरा हो.

कैलकुलेशन का फॉर्मूला क्‍या होगा? 

IRDAI के सर्कुलर के मुताबिक, 5 साल से कम की लिमिटेड प्रीमियम पेमेंट अवधि वाली पॉलिसीज के लिए और सिंगल प्रीमियम पॉलिसी के लिए स्पेशल सरेंडर वैल्यू (SSV) पहले साल के प्रीमियम भुगतान के बाद तुरंत देय हो जाएगा.

अब सवाल है कि सरेंडर वैल्यू पर ब्याज कितना मिलेगा. इस पर IRDAI ने कहा है कि इसका कैलकुलेशन 10 साल की गवर्नमेंट बॉन्ड यील्ड पर करना होगा.

बीमा कंपनियों को इसके ऊपर अधिकतम 50bps की कुशनिंग मिलेगी, यानी वो इसके ऊपर 50 bps जोड़ सकेंगी. 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड के आधार पर SSV को लेकर हर साल रिव्यू करना होगा.

अब थोड़ा कैलकुलेशन समझ लीजिए

अब तक चले आ रही व्‍यवस्‍था के तहत, 4 से 7 साल के भीतर पॉलिसी सरेंडर करने पर प्रीमियम का 50% रिफंड मिलने का नियम था.

  • मान लीजिए कि आपने 4 लाख रुपये प्रीमियम भर दिया था और 4 साल में पॉलिसी सरेंडर कर दी तो आपको करीब 2.4 लाख रुपये वापस मिल जाते.

  • नई व्‍यवस्‍था में स्पेशल सरेंडर वैल्यू नियमों के अनुसार, आपको 4 साल में पॉलिसी सरेंडर करने पर करीब 3.10 लाख रुपये तक वापस मिल सकते हैं.

  • 1 साल में रिफंड का कैलकुलेशन समझने के लिए मान लीजिए, आपने 10 साल के लिए पॉलिसी ली और पहले साल उसका 1 लाख रुपये, प्रीमियम के तौर पर भर दिया.

  • अगर किसी वजह से आप 1 साल में ही पॉलिसी सरेंडर करनी पड़े तो आपके 1 लाख रुपये डूब जाते थे, लेकिन नए नियमों के अनुसार, आपको करीब 62 हजार रुपये वापस मिल सकते हैं.

IRDAI ने सर्कुलर में कहा है कि पॉलिसी देते समय, इंश्‍योरेंस कंपनी को अपने ग्राहकों को सरेंडर वैल्‍यू के बारे में भी स्‍पष्‍ट जानकारी देनी होगी.

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