पेपर पूरे नहीं, फिर भी बीमा कंपनी खारिज नहीं कर सकती क्लेम, IRDAI के मास्टर सर्कुलर में बडे़ बदलाव

अगर कोई टैरिफ दिया गया है, तो इंश्योरेंस देने वाली कंपनी कस्टमर के ऑफर को न तो वापस कर सकती है और न ही खारिज कर सकती है.

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जनरल इंश्योरेंस कंपनियां सिर्फ इस बात पर बीमाधारक का क्लेम खारिज नहीं कर सकती हैं कि उसके कागजात (Documents) पूरे नहीं हैं. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने अपने हालिया सर्कुलर में रिटेल पॉलिसी होल्डर्स के लिए कई बड़े बदलाव किए हैं., जो तत्काल प्रभाव से लागू हो चुके हैं.

पॉलिसी कभी भी कैंसिल कर सकेंगे

नए सर्कुलर में रेगुलेटर ने कहा है कि कोई बीमाधारक अपनी पॉलिसी की अवधि के दौरान जब चाहे अपनी पॉलिसी को कैंसिल कर सकता है, पॉलिसी कैंसिल होने के बाद जितनी अवधि बची है, उसका पैसा भी रिफंड के तौर पर बीमाधारक को मिलेगा.

अगर पॉलिसीधारक पॉलिसी को कैंसिल करता है, तो उसे इसके लिए कोई वजह बताने की जरूरत नहीं है. बीमा कंपनी केवल तभी किसी पॉलिसीहोल्डर की पॉलिसी को कैंसिल कर सकती है, जब वो ये साबित कर दे कि कोई धोखा या फ्रॉड बीमाधारक की तरफ से हुआ है, इसके लिए भी उसे 7 दिनों का नोटिस देना होगा.

दस्तावेज पूरे नहीं का बहाना नहीं चलेगा

अगर किसी पॉलिसीहोल्डर के दस्तावेज गुम हो गए हैं, और वो पूरे डॉक्यूमेंट्स नहीं मुहैया कर पा रहा तो भी बीमा कंपनी उसके क्लेम को रिजेक्ट नहीं कर सकती है. कस्टमर को केवल वही डॉक्यूमेंट देने होंगे, जो क्लेम सेटलमेंट के लिए जरूरी होंगे, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट, फिटनेस, FIR, अन-ट्रेस्ट रिपोर्ट, पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट, स्टॉक रजिस्टर.

टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस देने होंगे

IRDAI के जारी सर्कुलर के मुताबिक, इंश्योरेंस कंपनियों को रिटेल पॉलिसीहोल्डर के एसेट, रिस्क, प्रॉपर्टी, एक्सपोजर और बिजनेस लाइन के आधार को कवर करने के लिए सुविधा देनी होगी. इसमें इंडिविजुअल, किसान, MSME और दूसरे रिटेल सेगमेंट के लिए भी ये सुविधा देनी होगी. ये सभी जानकारी आसान भाषा में दी जाएगी. बीमा कंपनियों को प्रोडक्ट में शेयरहोल्डर की जरूरत के मुताबिक बदलाव करने की आजादी देनी होगी. कस्टमर्स की सुविधा के लिए इंश्योरर्स को इनोवेटिव प्रोडक्ट तैयार करने होंगे.

इंश्योरेंस कंपनियों को पॉलिसीहोल्डर्स के लिए एंड टू एंड टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस की सुविधा देनी होगी. पॉलिसी सर्विसिंग, पॉलिसी रिन्यूअल, क्लेम सेटलमेंट और अपनी शिकायत करने की सुविधा भी शेयरहोल्डर के पास होनी चाहिए.

CIS शीट मुहैया करानी होगी

IRDAI ने कहा कि हर रिटेल ग्राहक को हर पॉलिसी के साथ एक ग्राहक सूचना पत्र (CIS) दिया जाना चाहिए, इस शीट में पॉलिसी की बुनियादी विशेषताओं को एक ही जगह पर समझाया जाना चाहिए. इसमें कवरेज के दायरे, ऐड-ऑन, बीमा राशि का आधार, बीमा राशि, विशेष शर्तों और वारंटी, एंडोर्समेंट और क्लेम की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए.

अगर कोई टैरिफ दिया गया है, तो इंश्योरेंस देने वाली कंपनी कस्टमर के ऑफर को न तो वापस कर सकती है और न ही खारिज कर सकती है.

सभी इंश्योरेंस कंपनियों का रिटेल प्रोडक्ट होगा, जिसे बेस प्रोडक्ट की तरह ही इस्तेमाल किया जाएगा. इस बेस प्रोडक्ट में बिजनेस लाइन में न्यूनतम कवरेज जरूरी होगा.

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