ताकि रिटायरमेंट में न हो पैसों की किल्लत, हर महीने मिलेंगे 1 लाख रुपये, ऐसे करें प्लानिंग

ये जरूरी है कि समय रहते रिटायरमेंट की सही तरीके से प्लानिंग की जाए. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP और सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान यानी SWP, इस प्लानिंग को कामयाब बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं.

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बहुत से नौकरीपेशा लोग सही समय पर रिटायरमेंट के लिए बचत और निवेश पर पूरा ध्यान नहीं देते. उनकी नौकरी के कीमती शुरुआती साल कमाने और खर्च करने में बीत जाते हैं. और जब रिटायरमेंट करीब आने लगता है, तो उसके लिए जरूरी कॉर्पस और रेगुलर इनकम का इंतजाम करना मुश्किल हो जाता है. और तब एहसास होता है कि हम रिटायरमेंट के लिए आर्थिक रूप से तैयार नहीं हैं.

इसलिए जरूरी है कि समय रहते रिटायरमेंट की सही तरीके से प्लानिंग की जाए. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP और सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान यानी SWP इस प्लानिंग को कामयाब बनाने में आपकी काफी मदद कर सकते हैं.

SIP+SWP की रणनीति क्या है?

आप अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग को 2 फेज या चरणों में बांट सकते हैं. इसमें पहला फेज वो है, जब आप नौकरी कर रहे होते हैं और अपनी आमदनी का एक हिस्सा बेहतर योजनाओं में निवेश करके अपनी दौलत या रिटायरमेंट फंड में इजाफा कर सकते हैं. इसके लिए म्यूचुअल फंड का SIP एक बेहतर विकल्प है. SIP के जरिए निवेश करने पर न सिर्फ नियमित बचत होती है, बल्कि कंपाउंडिंग और इक्विटी निवेश में एवरेजिंग का फायदा भी मिलता है. SIP के लिए सही म्यूचुअल फंड्स चुनकर आप रिटायरमेंट से पहले अपने लिए एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं.

दूसरा फेज है सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान यानी SWP का. जिस तरह फंड बढ़ाने के लिए SIP के जरिए निवेश एक बेहतर तरीका है, वैसे ही रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम का इंतजाम करने में SWP बेहद कारगर है. इसमें आप अपनी जरूरत के मुताबिक विड्रॉल अमाउंट और उसकी अवधि चुन सकते हैं. SWP उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, जो एक बार निवेश करके हर महीने एक तय राशि हासिल करना चाहते हैं. इसमें तय समय पर यानी हर महीने, तीन महीने या साल भर में आपको एक तय राशि मिलती रहती है. इससे रेगुलर इनकम बनी रहती है और पैसे की जरूरत पूरी हो जाती है.

इसलिए नौकरी करते समय अगर आप अनुशासित तरीके से SIP में निवेश कर बड़ा फंड जमा करते हैं, तो रिटायर होने पर जरूरत के मुताबिक SWP शुरू की जा सकती है. वैसे अगर आपने SIP के जरिए निवेश नहीं किया है, तो भी आप रिटायरमेंट के समय अपने प्रॉविडेंट फंड, ग्रेच्युटी या किसी और उपलब्ध फंड को एकमुश्त निवेश करके उसकी निकासी SWP के जरिए कर सकते हैं.

टैक्सेशन के नियम

इक्विटी : एक साल से अधिक समय तक निवेश रखने पर 1 लाख रुपये से अधिक के लाभ पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) लगता है. जबकि एक साल से कम समय के निवेश पर 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (STCG) लगता है.

डेट फंड / नॉन-इक्विटी : अगर आपने 1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद गैर इक्विटी / डेट फंड में निवेश किया है, तो उससे मिलने वाले रिटर्न पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स भरना होगा, भले ही आपने निवेश को कितने भी समय के लिए होल्ड किया हो.

SIP से कैसे बनेगा फंड: बाजार में ऐसे कई इक्विटी म्यूचुअल फंड हैं, जिन पर पिछले 20 साल के दौरान 15 से 18 फीसदी की सालाना दर से रिटर्न मिला है. मिसाल के तौर पर :

  • SBI कंजम्पशन अपॉर्च्युनिटी फंड - 20 साल का SIP रिटर्न 19% सालाना

  • ICICI प्रूडेंशियल टेक्‍नोलॉजी फंड - 20 साल का SIP रिटर्न 18.67% सालाना

  • सुंदरम मिडकैप फंड - 20 साल का SIP रिटर्न 17.78% सालाना

  • निप्पॉन इंडिया ग्रोथ फंड - 20 साल का SIP रिटर्न 17.65 % सालाना

  • SBI मैग्नम ग्लोबल फंड - 20 साल का SIP रिटर्न 17.15% सालाना

(Source : Value Research)

10,000 मंथली SIP पर रिटर्न का कैलकुलेशन

मंथली SIP: 10,000 रुपये

निवेश की अवधि : 20 साल

अनुमानित रिटर्न : 15% सालाना

कुल निवेश : 24 लाख रुपये

20 साल बाद SIP की वैल्यू: 1.50 करोड़ रुपये

20 साल तक 1 लाख रुपये मंथली इनकम के लिए SWP

अगर आपने 20 साल तक SIP में निवेश करके 1.50 करोड़ रुपये का कॉर्पस जमा किया है और इससे अगले 20 साल तक हर महीने 1 लाख रुपये पाना चाहते हैं, तो 1 लाख रुपये मंथली विड्रॉल विकल्प के साथ आप किसी स्कीम में 20 साल के लिए SWP कर सकते हैं. अगर उस पर अनुमानित रिटर्न 10 फीसदी सालाना हो, तो 20 साल तक हर महीने 1 लाख रुपये निकालने के बाद भी आपके निवेश की फाइनल वैल्यू 2,90,86,576 रुपये होगी.

इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि 20 साल तक 1 लाख रुपये प्रति माह निकालने पर आप करीब 2.4 करोड़ रुपये वापस ले चुके होंगे, फिर भी 2.91 करोड़ रुपये का कॉर्पस बच जाएगा. ऐसा तभी संभव है, जब आपके 1.50 करोड़ रुपये के ओरिजनल कॉर्पस पर 10 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न मिलता रहे और ऐसा SWP के जरिए निकासी करने पर ही मुमकिन है.

(सोर्स: वैल्यू रिसर्च, क्लियर टैक्स, SIP और SWP कैलकुलेटर)

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