India Manufacturing PMI: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जबरदस्त ग्रोथ, मार्च में मैन्युफैक्चरिंग PMI 16 साल की ऊंचाई 59.1 पर पहुंची

फरवरी में ये आंकड़ा 56.9 था, जो कि पांच महीने की ऊंचाई थी, इसके पहले जनवरी में 56.5 रिकॉर्ड की गई थी.

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भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ ने तरक्की के झंडे गाड़ दिए हैं. वित्त वर्ष खत्म होने के साथ ही ये खबर भारत की इकोनॉमी की मजबूती को दर्शाती है.

मार्च में मैन्युफैक्चरिंग PMI 16 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई है. S&P ग्लोबल के HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स सर्वे में ये आंकड़ा 59.1 रहा है, जो कि फरवरी 2008 के बाद सबसे ज्यादा है.

फरवरी में ये आंकड़ा 56.9 था, जो कि पांच महीने की ऊंचाई थी, इसके पहले जनवरी में 56.5 रिकॉर्ड की गई थी. हालांकि दिसंबर में मैन्युफैक्चरिंग PMI 18 महीने के निचले स्तर 54.9 पर रही थी.

PMI के 50 से ऊपर रहने के मतलब होता है कि ये विस्तार कर रहा है, इसके नीचे रहने पर इस बात का संकेत है कि ये सिकुड़ रहा है.

नए ऑर्डर मिले, रोजगार के ढेरों मौके बने

PMI के बेहतरीन आंकड़े ये बताते हैं कि काम करने की परिस्थितियों में सुधार हुआ है, तेजी से नए ऑर्डर मिले हैं, आउटपुट और इनपुट स्टॉक के साथ-साथ नए रोजगार के मौकों में तेज ग्रोथ आई है.

डिमांड में बढ़ोतरी की खबरों के बीच, मार्च के दौरान नए ऑर्डर्स की ग्रोथ करीब साढ़े तीन साल में सबसे तेज हो गई है. घरेलू और एक्सपोर्ट दोनों बाजारों से नए काम में तेजी आई है. जो इस बात को दर्शाता है कि अफ्रीका, एशिया, यूरोप और अमेरिका में बेहतर बिक्री हुई है. मई 2022 के बाद से नए एक्सपोर्ट ऑर्डर सबसे तेज रफ्तार से बढ़े हैं.