महंगाई के मोर्चे पर लगातार चिंता बढ़ाने वाली खबरें आ रही है, रिटेल महंगाई के बाद अब थोक महंगाई भी बढ़ी है, अक्टूबर में WPI दर 1.84% से बढ़कर 2.36% रही है, जो कि 4 महीने की ऊंचाई है.
अक्टूबर महीने में WPI महंगाई दर में लगातार दूसरे महीने बढ़ोतरी देखी गई है. अक्टूबर की थोक महंगाई दर के बढ़ने में सबसे बड़ा योगदान खाद्य महंगाई दर का है, जो अब 13.54% पर पहुंच गई है, सितंबर के महीने में ये 11.5% थी.
महंगाई के मोर्चे पर झटका!
मंगलवार को रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी हुए थे, अक्टूबर में रिटेल मंहगाई दर 6.21% रही है, जो 14 महीने की ऊंचाई है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी थोक महंगाई के आंकड़े रिजर्व बैंक के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाले हो सकते हैं. क्योंकि रिटेल महंगाई एक साल के दौरान पहली बार 6% के ऊपर गई है, अब थोक महंगाई के आंकड़ों में ये बड़ा उछाल, मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में ब्याज दरों को लेकर चुनौती पैदा कर सकता है.
अगस्त में थोक महंगाई दर 1.31% और जुलाई में महंगाई दर 2.04% थी. वाणिज्य और मंत्रालय उद्योग ने एक बयान में कहा कि अक्टूबर, 2024 में महंगाई बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों की कीमतों में इजाफे के साथ-साथ फूड प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरिंग, अन्य मैन्युफैक्चरिंग, बेसिक मेटल्स, मशीनरी-इक्विपमेंट, मोटर व्हीकल्स, ट्रेलर्स, सेमी ट्रेलर्स वगैरह के निर्माण में बढ़ी लागत है.
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4 महीने की ऊंचाई पर थोक महंगाई
फूड आर्टिकल्स की थोक महंगाई 11.5% से बढ़कर 13.54%
ईंधन और बिजली की थोक महंगाई -4.05% से अक्टूबर में -5.79% रही
मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई 1% से बढ़कर 1.50%
सब्जियों की थोक महंगाई सितंबर में 48.73% से बढ़कर अक्टूबर में 63.04%
आलू की थोक महंगाई 78.13% से बढ़कर 78.73% रही
प्याज की थोक महंगाई सितंबर में 78.82% से घटकर 39.25% पर रही है