सरकार ने बदले लाइसेंसिंग नियम; नाबालिग के गाड़ी चलाने पर ₹25,000 का जुर्माना, रद्द होगा गाड़ी का रजिस्ट्रेशन

सरकार ने लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल करने के लिए बदले नियम, नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाने पर माता-पिता पर भी लगेगा जुर्माना

प्रतीकात्मक फोटो

देश में नाबालिगों की ड्राइविंग पर मचे बवाल के बीच अब नियम और कड़े हो गए हैं. अब अगर किसी नाबालिग को गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. नए नियम 1 जून से लागू होंगे.

इतना ही नहीं, इस मामले में पेरेंट्स पर भी पेनल्टी लगाई जा सकती है. साथ ही व्हीकल का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी रद्द किया जा सकता है.

दरअसल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लाइसेंसिंग प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नए नियम जारी किए हैं, जिनके तहत ये बदलाव किए गए हैं. ये हैं अहम बदलाव:

RTO जाकर ड्राइविंग टेस्ट देने की अनिवार्यता नहीं

नए नियमों में आया सबसे बड़ा बदलाव RTO में जाकर टेस्ट देने से जुड़ा है. अब ये बाध्यता खत्म कर दी गई है. नए नियमों के तहत आप मान्यता प्राप्त प्राइवेट ड्राइविंग स्कूलों में भी अपना टेस्ट दे सकते हैं. अगर इन स्कूलों से आपको पास सर्टिफिकेट मिल जाता है तो आप सीधे ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. लेकिन अगर आप पास नहीं होते, तो अगली बार टेस्ट देने के लिए आपको RTO जाना होगा.

आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया हालांकि पहले जैसे ही है, लेकिन इसमें लगने वाले पेपरवर्क को कम कर दिया गया है. अब आवेदकों को कम डॉक्युमेंट्स की जरूरत होगी, इससे प्रक्रिया सरल होगी, खासतौर पर 2-व्हीलर और 4-व्हीलर के लिए आवेदन करने वालों के लिए काफी आसानी होगी.

फी स्ट्रक्चर में किया बदलाव

अलग-अलग तरह के लाइसेंसेज के लिए फीस में भी बदलाव किए गए हैं. नए रेट कुछ इस तरह हैं:

  • लर्नर्स लाइसेंस: 200 रुपये

  • लर्नर्स लाइसेंस रिन्युअल: 200 रुपये

  • इंटरनेशनल लाइसेंस: 1,000 रुपये

  • परमानेंट लाइसेंस: 200 रुपये

  • परमानेंट लाइसेंस रिन्युअल: 200 रुपये

  • रिन्युअड ड्राइवर लाइसेंस को इश्यू कराने के लिए: 200 रुपये

प्राइवेट ड्राइविंग स्कूलों के लिए नई गाइडलाइंस

प्राइवेट ड्राइविंग स्कूलों को मान्यता लेने के लिए इन शर्तों को पूरा करना होगा:

  • उनके पास कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए (4-व्हीलर्स के लिए 2 एकड़ जमीन)

  • उनके पास जरूरी टेस्टिंग सुविधाएं होनी चाहिए.

  • ट्रेनर्स के पास कम से कम एक हाई स्कूल डिप्लोमा और 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए. उन्हें बायोमैट्रिक्स और IT सिस्टम्स की जानकारी भी होनी चाहिए.

  • लाइट मोटर व्हीकल्स के लिए ट्रेनिंग कोर्स कम से कम चार हफ्ते और 29 घंटे का होना चाहिए. जिसमें 21 घंटे प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और 8 घंटे थ्योरी इंस्ट्रक्शन के होने चाहिए. मीडियम और भारी वाहनों की ट्रेनिंग के लिए 6 हफ्तों में 38 घंटे की ट्रेनिंग जरूरी है.

  • बिना ट्रेनिंग के लाइसेंस इश्यू या रिन्युअल करने की स्थिति में इन स्कूलों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.