नेशनल हाईवे पर प्राइवेट वाहनों के लिए सरकार मासिक पास (Monthly Pass) और वार्षिक पास (Yearly Pass) की सुविधा दे सकती है. इससे आम लोगों को बड़ी राहत होगी. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार टोल टैक्स के लिए मंथली और सालाना पास बनाए जाने पर विचार कर रही है.
बैरियर लेस टोलिंग पर दिल्ली में आयोजित एक राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि टोल रेवेन्यू का 74% हिस्सा कमर्शियल व्हीकल से आता है, जबकि प्राइवेट वाहनों की हिस्सेदारी महज 26% है. लिहाजा हम प्राइवेट गाड़ियों के लिए मासिक या वार्षिक पास शुरू करने पर विचार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'टोटल टोल कलेक्शन में निजी वाहनों की हिस्सेदारी केवल 26% है, ऐसे में पास बनाने से सरकार को कोई नुकसान नहीं होगा.'
टोल बूथ पर वेटिंग टाइम काफी कम हुआ
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि पहले की अपेक्षा टोल बूथ पर अब लोगों को कम इंतजार करना पड़ता है. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान टोल प्लाजा पर वाहनों के लिए एवरेज वेटिंग टाइम 8 मिनट था. वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान फास्टैग की शुरुआत के साथ वाहनों का एवरेज वेटिंग टाइम घटकर 47 सेकंड रह गया है.
कुछ स्थानों पर, विशेषकर शहरों के निकट घनी आबादी वाले कस्बों में वेटिंग टाइम में काफी सुधार हुआ है, फिर भी व्यस्त समय के दौरान टोल प्लाजा पर कुछ देरी होती है.
GNSS सिस्टम से होगा फायदा
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मंत्रालय ने शुरुआत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग के साथ एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में बाधा रहित ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम को लागू करने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा, 'ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम वर्तमान टोल कलेक्शन सिस्टम से बेहतर होगी.'
पिछले साल जुलाई में गडकरी ने कहा था कि GNSS आधारित उपयोगकर्ता शुल्क कलेक्शन सिस्टम के संबंध में कर्नाटक में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-275 के बेंगलुरु-मैसुरु खंड और हरियाणा में एनएच-709 के पानीपत-हिसार खंड पर एक प्रायोगिक अध्ययन किया गया है.
इस कदम का उद्देश्य यातायात की भीड़ को कम करना और राजमार्गों पर यात्रा के लिए सटीक दूरी के आधार पर शुल्क लेना है. नितिन गडकरी ने कहा कि टोल कलेक्शन बूथ गांवों के बाहर स्थापित किए जाएंगे ताकि ग्रामीणों की आवाजाही में बाधा न आए.