सत्यपाल मलिक की बढ़ी मुश्किलें, घर-दफ्तर सहित 30 ठिकानों पर CBI का छापा

कथित तौर पर ये मामला 2200 करोड़ रुपये की लागत से किरू पनबिजली परियोजना के कॉन्ट्रैक्ट देने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है.

Source: X/@SatyapalmalikG

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (Kiru Hydropower project) में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से जुड़े 30 ठिकानों पर छापेमारी की है. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने सुबह अपनी जांच शुरू की और करीब 100 अधिकारियों को कई शहरों में छापेमारी पर लगाया गया है. अधिकारियों ने बताया कि किरू पनबिजली परियोजना में कथित भ्रष्टाचार पर अप्रैल 2022 में सत्यपाल मलिक सहित पांच व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे मलिक ने दावा किया कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. जिसमें से एक फाइल प्रोजेक्ट से संबंधित थी.

सत्यपाल मलिक ने जाहिर की नाराजगी

आरोपों का जवाब देते हुए, सत्यपाल मलिक, जो पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं, ने कहा, "मेरी बीमारी के बावजूद, मेरे आवास पर अधिकारियों द्वारा छापा मारा जा रहा है। मेरे ड्राइवर और सहायक को परेशान किया जा रहा है.

सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर सत्यपाल मलिक का ट्वीट

'इन छापों से डरता नहीं हूं, मैं किसानों के साथ खड़ा हूं और ये हरकतें मुझे रोक नहीं सकती'

CBI ने चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी और अन्य पूर्व अधिकारियों एम एस बाबू, एम के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा तथा पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

FIR में आरोप लगाया गया है, CVPPPL (चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड) की बोर्ड की 47वीं बैठक में चल रही टेंडर प्रक्रिया रद्द होने के बाद रिवर्स नीलामी के साथ ई-टेंडर के माध्यम से पुन टेंडर करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया और टेंडर पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दिया गया.