हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों ने लिया सरकार से समर्थन वापस, कांग्रेस ने की राष्ट्रपति शासन की मांग; कितनी मुश्किल में BJP?

लोकसभा चुनाव के बीच निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान (चरखी दादरी), रणधीर गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (निलोखेरी) ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. इन लोगों ने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया है.

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हरियाणा में BJP सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है. इसके बाद कांग्रेस ने सरकार के अल्पमत में होने की बात कहते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.

लोकसभा चुनाव के बीच निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान (चरखी दादरी), रणधीर गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (निलोखेरी) ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. इन लोगों ने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया है.

कैसा है विधायकों का गणित?

90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में फिलहाल 88 विधायक हैं. मतलब बहुमत के लिए 45 विधायकों की जरूरत है. फिलहाल BJP के 39 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 30 विधायक हैं. दुष्यंत चौटाला की JJP ने 10 सीटें जीती थीं, जबकि हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) का एक विधायक है. INLD का भी एक विधायक है, जबकि 7 निर्दलीय विधायक हैं.

दरअसल BJP ने पिछले चुनाव में 41 सीटें जीती थीं, लेकिन करनाल और रानिया सीट के विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के बाद पार्टी के पास 39 सीटें ही बची हैं.

पहले 7 में से 6 निर्दलीय BJP का समर्थन कर रहे थे. जबकि HLP के एक विधायक का समर्थन भी BJP को हासिल था. लेकिन अब 3 निर्दलीय विधायकों द्वारा BJP के पास बचे हुए 3 निर्दलीय और 1 HLP विधायक के साथ 43 विधायकों का ही समर्थन है, जो बहुमत से एक कम है. JJP पहले ही BJP से समर्थन वापस ले चुकी है.

... पर अब भी पांसा BJP के पाले में

दरअसल कांग्रेस हाल ही में हरियाणा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी. इसके बाद सैनी सरकार ने 13 मार्च को ही सदन में बहुमत साबित किया था.

नियम के अनुसार अब 6 महीने तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. मतलब 13 सितंबर तक अविश्वास प्रस्ताव सदन में पेश नहीं हो सकता. लेकिन अगर राज्यपाल चाहें तो वे BJP को बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं.

कांग्रेस ने साधा निशाना

तीन विधायकों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष भूपेंदर सिंह हुड्डा ने कहा, 'इन विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन करने का फैसला किया है. इन लोगों ने जन भावनाओं के चलते ये फैसला लिया है, जो राज्य सरकार के खिलाफ हैं.'

हुड्डा ने आगे कहा, 'अब राज्य सरकार ने सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है. इस सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए.'

हुड्डा ने उम्मीद जताई कि तीन विधायकों का समर्थन मिलने से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का पक्ष मजबूत होगा.

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