प्रशांत भूषण ने जताई सिंबल लोडिंग के दौरान EVM में छेड़छाड़ की आशंका, VVPAT मामले में अब गुरुवार को सुनवाई

प्रशांत भूषण ने कहा कि सभी EVM को सरकारी स्वामित्व वाली सिर्फ 2 कंपनियों ने ही मैन्युफैक्चर किया है. इनमें ECIL और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं. दोनों ही कंपनियों में BJP से जुड़े लोग डायरेक्टर हैं.

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सुप्रीम कोर्ट में VVPAT मामले पर सुनवाई खत्म हो गई है. अब गुरुवार को फिर सुनवाई होगी. आज कोर्ट में प्रशांत भूषण ने 100% VVPAT वेरिफिकेशन को लागू करने के पक्ष में दलील दीं. साथ ही उन्होंने VVPAT स्लिप को जमा करने की प्रक्रिया को पारदर्शी करने की मांग भी की.

बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीक्रेट बैलेट वोटिंग मेथड पर भी सवाल उठाए. जस्टिस खन्ना ने प्रशांत भूषण से कहा, 'हम अपनी उम्र के सातवें दशक में हैं. हम सब जानते हैं कि जब बैलेट पेपर्स थे, तब क्या होता था. अगर आप भूल भी गए हों, तो भी हम नहीं भूले हैं.'

वहीं प्रशांत भूषण ने जब यूरोपीय देशों और जर्मनी का उदाहरण दिया तो कोर्ट ने पूछा कि जर्मनी की आबादी कितनी है. इसके जवाब में भूषण ने कहा 6 करोड़, जबकि भारत में 97 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स हैं, जिनमें से 50-60 करोड़ लोग किसी चुनाव में मतदान करते हैं

क्या बोले प्रशांत भूषण?

सिंबल लोडिंग के दौरान छेड़छाड़ की संभावना

प्रशांत भूषण ने कहा कि वे ये दावा नहीं कर रहा हूं कि EVM के साथ छेड़छाड़ हो रही है, लेकिन ऐसा संभव है क्योंकि इनमें चिप की प्रोग्रामिंग होती है.

प्रशांत भूषण ने कहा, 'जब अलग-अलग विधानसभाओं के लिए चिन्हों को मशीन में लोड किया जा रहा हो, तब छेड़खानी कर प्रोग्रामिंग की जा सकती है. मेरी समझ है चुनाव चिन्हों की लोडिंगफ्लैश ड्राइव द्वारा होती है. ये प्रोग्रामेबल चिप होती हैं, इसलिए जर्मनी समेत कुछ यूरोपीय देश बैलेट पेपर की प्रणाली पर वापस लौटे हैं.'

प्रशांत भूषण ने सुझाए विकल्प

जब जस्टिस संजीव खन्ना ने प्रशांत भूषण से पूछा कि वे क्या रिलीफ चाहते हैं, तो प्रशांत भूषण ने कहा, 'आपके पास कई विकल्प हैं. जैसे आप पेपर बैलेट पर वापस लौट सकते हैं. आप VVPAT स्लिप लेकर इसे वोटर को दे सकते हैं. या फिर आप VVPAT बॉक्स को ट्रांसपेरेंट बना सकते हैं, ताकि जब VVPAT चिट इसमें गिरे तो साफ तौर पर दिखाई दे.'

प्रशांत भूषण ने ये भी कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग को खत लिखकर कहा था कि VVPAT स्लिप्स को सभी वोटर्स को उपलब्ध कराया जाना चाहिए. ये बड़ी समस्या है, क्योंकि एक अपारदर्शी कांच से वोटर VVPAT चिट को गिरते हुए नहीं देख पाते हैं.

सिर्फ 2 कंपनियों ने की मैन्युफैक्चरिंग

भूषण ने आगे कहा कि सभी EVM को सिर्फ 2 कंपनियों ने ही मैन्युफैक्चर किया है, ये भी सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां; ECIL और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स हैं. दोनों ही कंपनियों में BJP से जुड़े लोग डायरेक्टर हैं.

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