क्या दिवालिया होने से बच जाएगी बायजूज? BCCI के साथ सेटलमेंट लगभग तय

जानकारों के मुताबिक मंगलवार तक बायजूज ने BCCI को ट्रांसफर किए 50,000 करोड़ रुपये.

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बकाया के निपटारे को लेकर एडटेक कंपनी बायजूज देश की क्रिकेट कंट्रोल बॉडी BCCI के साथ बातचीत कर रही है, ये जानकारी दोनों पक्षों के वकीलों ने NCLAT को दी है.

ब्लूमबर्ग में छपी खबर के मुताबिक, अगर बायजूज, BCCI के साथ बकाया के निपटारे को लेकर किसी नतीजे पर पहुंचती है तो इस बात की संभावना है कि बायजूज लंबे समय से चला आ रहा एक बड़ा विवाद सुलझा लेगी और दिवालिया होने से बच सकती है.

बुधवार को NCLAT में सुनवाई के दौरान बायजूज के वकील ने कोर्ट को बताया कि बायजूज 2 और 9 अगस्त को BCCI के बकाया का भुगतान करेगी. साथ ही बायजूज ने NCLAT के इनसॉल्वेंसी आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है.

भुगतान उस असहमति को हल करने की दिशा में पहला कदम है जिसकी वजह से बायजूज पर खतरे के बादल मंडरा रहे थे. इसी महीने एक निचली अदालत ने बायजूज (आधिकारिक तौर पर थिंक एंड लर्न प्राइवेट) को दिवालिया घोषित कर दिया था, क्योंकि वो BCCI को 159 करोड़ रुपये (19 मिलियन डॉलर) का भुगतान नहीं कर पाए थे.

इसके साथ ही एक अंतरिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को भी आदेश के मुताबिक नियुक्त किया गया, जिसने संस्थापक बायजू रवींद्रन से कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया.

दिवालियापन की कार्यवाही को वापस लेने का फैसला बायजूज के लिए एक नई जिंदगी मिलने जैसा होगा. बायजूज पहले ही कोविड के बाद बिजनेस में गिरावट के बाद कैश की किल्लत से जूझ रही है. अगर BCCI दिवालिया केस को वापस लेती है, तो इसे कोर्ट को औपचारिक रूप से सूचित करना होगा.

BCCI को भेजे गए ई-मेल और फोन कॉल का कामकाज के घंटों के दौरान कोई जवाब नहीं मिला है, जबकि बायजूज के एक प्रतिनिधि ने इसपर टिप्पणी करने से इनकार किया.

भारत की बढ़ती स्टार्टअप अर्थव्यवस्था का पोस्टर चाइल्ड माना जाने वाला बायजूज नगदी खत्म होने और कानूनी चुनौतियों के बढ़ने के बाद बिजनेस में बने रहने के लिए जद्दोजहद कर रहा है. क्रिकेट बोर्ड की दिवालियापन की याचिका उन कई कानूनी मामलों में से एक है जो बायजूज भारत और विदेश में लड़ रहा है.

क्या है बायजूज और BCCI का विवाद

25 जुलाई 2019 में बायजूज और BCCI के बीच 'टीम स्पॉन्सरशिप एग्रीमेंट' हुआ. ये कॉन्ट्रैक्ट 2022 में खत्म हो गया, लेकिन बाद में इसे 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया था. जनवरी 2023 में बायजूज ने वित्तीय परेशानियों से जूझते हुए घोषणा की थी कि, वो  BCCI के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट को रीन्यू नहीं करेगी. 8 सितंबर 2023 को BCCI ने NCLAT में कंपनी के खिलाफ इनसॉल्वेंसी याचिका दायर की थी. BCCI का कहना था कि कंपनी ने उनके भुगतान को डिफॉल्ट कर दिया है.

अर्श से फर्श पर कैसे पहुंची बायजूज

कभी बायजू रवीन्द्रन की इस कंपनी का वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर की ऊंचाई पर था और कोविड-19 महामारी के दौरान इसके बिजनेस में तेज उछाल भी देखने को मिला. जिसने रवींद्रन की कामयाबी के शिखर पर पहुंचा दिया.

तेजी से विदेशी विस्तार कंपनी के महंगे मार्केटिंग ब्लिट्ज के साथ हुआ. जिसमें कंपनी ने भारतीय क्रिकेट टीम को स्पॉन्सर किया और बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान और फुटबॉलर लियोनेल मेसी को ब्रैंड एंबेसडर के रूप में साइन किया. लेकिन जैसे ही कोरोना वायरस का संक्रमण कम हुआ और स्कूल फिर से खुले, स्टार्टअप कैश की कमी से जूझने लगा. कंपनी अमेरिका के साथ-साथ घरेलू बाजार में भी कानूनी समस्याओं में फंस गई.

रवींद्रन के उछाल ने एक समय में टेक व्यापारियों को प्रभावित कर देश को भी मंत्रमुग्ध किया. लेकिन हाल ही में बायजूज को चालू रखने के लिए रवींद्रन को मुश्किल दिनों का सामना करना पड़ा, जिसमें कर्मचारियों को वेतन देने के लिए अपना घर गिरवी रखना भी शामिल है. कंपनी ने पूंजी जुटाने के लिए अपने पिछले फंडिंग दौर से 90% से अधिक की छूट पर नया स्टॉक भी बेचा. हालांकि, भारतीय अदालत ने उस पैसे का इस्तेमाल करने पर कंपनी पर रोक लगा दी है.

कंपनी के बड़े निवेशकों, प्रोसस NV  ने जून में खुलासा किया कि उसने बायजू में अपनी 9.6% हिस्सेदारी की वैल्यू को जीरो कर दिया है. शिक्षा की इस नई तकनीक से आकर्षित होने वालों में मार्क जुकरबर्ग के Chan-जुकरबर्ग इनिशिएटिव, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट और निजी इक्विटी दिग्गज सिल्वर लेक मैनेजमेंट के साथ, प्रोसस भी शामिल थे.

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