पुरुषों का दबदबा तोड़ रहीं महिलाएं, ये 10 सबूत सामने हैं

महिलाएं आजकल हर सेक्टर में पुरुषों के साथ कदमताल कर रही हैं. देश की GDP में उनकी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है.

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वर्क फोर्स में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 10% बढ़ जाए, तो भारत 7 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी बन सकता है. McKinsey Global Institute का दावा तो यहां तक है कि अगर लिंग समानता में सुधार हो, तो भारत की अर्थव्यवस्था 12 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी.

वर्क फोर्स हो या रोजगार, हिस्सेदारी बढ़ने के बावजूद देश की GDP में महिलाओं का योगदान कम है. हालांकि यह बीते पांच सालों में 17% से बढ़कर 23.5% पहुंचा है. वैश्विक औसत 34% के मुकाबले अब भी यह भागीदारी कम है.

फिर भी निस्संदेह स्थिति बदल रही है. इसे ऐसे समझें कि रोजगार के लिए योग्य उम्मीदवारों में पुरुषों से आगे निकल चुकी हैं महिलाएं. India Skills Report, 2022 कहती है कि 55.44% महिलाएं रोजगार योग्य हैं. पुरुषों में यही आंकड़ा 45.97% है.

गौर करने वाली बात यह भी है कि कोविड काल में 2019-20 के बीच भारत में 4.75 करोड़ लोग वर्कफोर्स से जुड़े. इनमें से 63 फीसदी महिलाएं थीं. वैसे सेक्टरों में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ती चली जा रही है, जो अब तक पुरुषों के प्रभुत्व वाले माने जाते रहे हैं. जरा गौर कीजिए.

1. मैन्यूफैक्चरिंग: श्रम और रोजगार मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में में 4 करोड़ लोग काम करते हैं, जिनमें से 49% महिलाएं हैं. अमेरिका में अब भी यह हिस्सेदारी केवल 10.9% है.

2. कृषि : कामकाजी महिलाओं का 78% हिस्सा खेती से जुड़ा है, वहीं पुरुषों का 63%. कुल वर्कफोर्स का 52% हिस्सा कृषि से जुड़ा हुआ है.

3. सार्वजनिक बैंक : वित्त वर्ष 2020-21 की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 63,673 महिलाएं हैं और यह कुल वर्क फोर्स 2.45 लाख का 25.92% है. ऐसा बैंकिंग में घटते वर्कफोर्स के बावजूद है. वित्त वर्ष 2019-20 में 25.28% और 2018-19 में 24.34% थीं.

4. पुलिस बल : ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के मुताबिक, भारत के अलग अलग राज्यों में 20.91 लाख जवानों में 2.15 लाख महिलाएं हैं, यानी 10.30%. 2022 तक भारतीय पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी 12% जा पहुंची है.

5. पब्लिक रिलेशन और कम्युनिकेशन : कभी इस क्षेत्र में पुरुषों का बोलबाला था. मगर अब भारत में 72% हिस्सेदारी महिलाओं की हो चुकी है. अमेरिका में भी यह आंकड़ा 63% जा पहुंचा है.

6. अकाउंटिंग : अकाउंटिंग में पुरुषों के वर्चस्व को महिलाओं ने तोड़ा है. 62% महिलाएं भारत में और 60% अमेरिका में अकाउंटिंग से जुड़ी हैं.

7. पशु चिकित्सा: पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है. भारत में 61.2% महिलाएं इस क्षेत्र से जुड़ी हैं, तो अमेरिका में 55%.

8. पायलट: भारत में महिला पायलट हालांकि केवल 12.4% हैं, लेकिन अमेरिका के मुकाबले यह दोगुने से भी ज्यादा है, जहां 5.5 फीसदी महिला पायलट हैं. इंग्लैंड में यह आंकड़ा 4.7% है.

9. सेना : 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी भारतीय सेना में महज 3.8% महिलाएं हैं. एयरफोर्स में 13% और नेवी में 6% महिलाएं हैं. सरकार अगर नीतियां बदले, तो महिलाएं अपनी भागीदारी बढ़ाने को तत्पर हैं.

10. चिकित्सा क्षेत्र : मेडिकल जर्नल ‘Lancet’ के मुताबिक, दुनिया में जहां चिकित्सा क्षेत्र से औसतन 71% महिलाएं जुड़ी हैं, वहीं भारत में अनुमान है कि 30% डॉक्टर और 80% नर्स महिलाएं हैं.

महिलाओं की हिस्सेदारी के नजरिए से देखें, तो अकेले नर्सिंग- 92%, नर्सिंग एजुकेशन- 82%, मानव संसाधन- 67%, मनोविज्ञान- 68.8%, सामाजिक एवं सामुदायिक सेवा प्रबंधन- 69.4% ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पुरुष काफी पीछे छूट गए हैं.

‘Grant Thornton’ की 2021 की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया में शीर्ष पदों पर 31% महिलाएं काबिज हैं. सीनियर मैनेजमेंट पोजिशन पर महिलाओं की भागीदारी का वैश्विक औसत भी 31% है. वहीं 39% हिस्सेदारी के साथ भारत की महिलाएं दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं.