ADVERTISEMENT

Year Ender 2023: रिकॉर्ड मुनाफा, घटता NPA और डेट-डिपॉजिट का लेखा-जोखा; बैंकिंग सेक्‍टर के लिए कैसा गुजरा ये साल?

बैंकिंग सेक्‍टर के विश्लेषकों ने कहा कि सरकार की 4R स्ट्रैटजी (Recognition, Resolution, Recapitalisation and Reforms) की बदौलत NPA में गिरावट आई है.
NDTV Profit हिंदीनिलेश कुमार
NDTV Profit हिंदी05:09 PM IST, 27 Dec 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

देश के बैंकिंग सेक्‍टर के लिए साल 2023 अच्‍छा साबित हुआ है. चालू वित्त वर्ष (FY24) में पब्लिक सेक्‍टर के बैंकों का कुल मुनाफा 1.5 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंचने का अनुमान है.

मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ के बीच कर्ज की ऊंची मांग के चलते देश के बैंकिंग सेक्‍टर की स्थिति इस समय काफी सुधर चुकी है.

माना जा रहा है कि NPA के मोर्चे पर स्थिरता, मजबूत ऋण मांग और ऊंची ब्याज दर व्यवस्था से आने वाले महीनों में बैंकों की प्रॉफिटैबिलिटी में मदद मिलेगी.

रिकॉर्ड मुनाफा!

चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 6 महीनों के दौरान पब्लिक सेक्‍टर के बैंकों ने करीब 68,500 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया है, जबकि दूसरी छमाही में भी ये रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है. यदि ये रुझान जारी रहता है, तो 2023-24 में पब्लिक सेक्‍टर के बैंकों का शुद्ध लाभ 1.50 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 1.04 लाख करोड़ रुपये से काफी ज्‍यादा होगा.

कोटक महिंद्रा बैंक की पूर्णकालिक निदेशक (Whole Time Director) शांति एकंबरम का कहना है कि भारतीय इकोनॉमी ने काफी मजबूती दिखाई है और जब इकोनॉमी अच्छा परफॉर्म करती है तो बैंकिंग सेक्‍टर भी बेहतर परफॉर्म करता है. उन्‍होंने कहा, 'रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल में अपने संशोधित अनुमान में देश की ग्रोथ रेट को 6.5% से बढ़ा कर 7% कर दिया है.'

ग्रोथ मजबूत है. रिटेल सेक्‍टर के साथ कर्ज की मांग करीब डेढ़ साल पहले शुरू हुई थी. अब ये पूंजीगत खर्च (Capex) की ओर बढ़ रही है. हालांकि लोन बढ़ोतरी की तुलना में डिपॉजिट्स ग्रोथ धीमी रही है और यही चुनौती है, जिससे बैंकों को आने वाले महीनों में निपटना है.
शांति एकंबरम, Whole Time Director, Kotak Mahindra Bank

कर्ज के मुकाबले डिपॉजिट्स का हाल

शांति एकंबरम ने बताया, 'डिपॉजिट्स में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन ये अब भी डेट ग्रोथ की तुलना में 5% कम है. चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीने (अप्रैल-नवंबर) में बैंकों के पास कुल जमा में 12.2% की बढ़ाेतरी हुई है, जबकि एक साल पहले समान अवधि में डिपॉजिट्स में 9.3% की बढ़ोतरी हुई थी.'

RBI के ताजा बुलेटिन के अनुसार, एक दिसंबर, 2023 को डेट ग्रोथ (Debt Growth) एक साल पहले के 17.5% से घटकर 16.4% रह गई है. धीमे डिपॉजिट्स से करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट में गिरावट आएगी, जिससे दरों में कटौती की गुंजाइश सीमित हो जाएगी.

नीतिगत दरों पर प्रभाव

जैसा कि अक्टूबर में RBI के गवर्नर शक्तिकांता दास ने संकेत दिया था कि ब्याज दरें कुछ समय तक ऊंची बनी रहेगी. विश्लेषकों के अनुसार, केंद्रीय बैंक RBI की ओर से कम से कम अगले 6 महीनों तक पॉलिसी रेट्स में कटौती की संभावना नहीं है. होम, कार, एजुकेशन और पर्सनल लोन की मांग में दोहरे अंक की बढ़ोतरी जारी रहेगी.

हालांकि, ग्रामीण क्षेत्र से कर्ज की मांग में कमी आई है. दोपहिया और ट्रैक्टर की बिक्री में गिरावट से इसका पता चलता है. यहां तक ​​कि ब्याज दर के ऊंचे स्तर के कारण अधिकांश बैंकों के लिए नेट ब्याज मार्जिन (NIM) 3% से अधिक रहने की उम्मीद है.

4R स्ट्रैटजी से NPA में आई कमी

बैंकों के लिए एक अच्छी बात NPA में कमी है. ये बैंकों को पूंजी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अपनी बैलेंस शीट का विस्तार करने के लिए स्पेस देता है.

विश्लेषकों ने कहा कि सरकार की 4R स्ट्रैटजी (Recognition, Resolution, Recapitalisation and Reforms) की बदौलत NPA में गिरावट आई है. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 3 वर्षों में शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों (SCB) के ग्रॉस NPA में गिरावट आई है.

ये 31 मार्च, 2021 को 8,35,051 करोड़ रुपये (GNPA रेश्यो 7.33%) से घटकर 31 मार्च, 2022 को 7,42,397 करोड़ रुपये (GNPA रेश्यो 5.82%), जबिक 31 मार्च, 2023 तक 5,71,544 करोड़ (GNPA रेश्यो 3.87%) हो गया.

इसी तरह, कॉरपोरेट्स से संबंधित इन बैंकों का GNPA 31 मार्च, 2021 को 5,15,150 करोड़ रुपये से घटकर 31 मार्च, 2022 को 4,33,749 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 31 मार्च, 2023 को 2,75,298 करोड़ रुपये रह गया.

विश्लेषकों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंकों के मजबूत प्रदर्शन को 'वेल कैपिटलाइज्ड बैंकिंग सिस्टम' से मजबूती मिली है. इससे रिटेल, इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में लोन डिस्ट्रीब्यूशन में बढ़ोतरी देखी गई है.

बैंकिंग सेक्‍टर के अहम घटनाक्रम

उदय कोटक (Uday Kotak) का कोटक महिंद्रा बैंक के MD और CEO का पद छोड़ने की घोषणा, बैंकिंग सेक्‍टर के लिए इस साल एक प्रमुख घटनाक्रम रहा. उनके उत्तराधिकारी अशोक वासवानी अगले साल प्रभार संभालेंगे.

बैंकिंग सिस्‍टम की वित्तीय स्थिति भले ही मजबूत हुई है, लेकिन इस साल बैंकों में कुछ धोखाधड़ी के मामले भी सामने आए. यूको बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को साइबर फ्रॉड का सामाना करना पड़ा.

RBI की रिपोर्ट (Trends & Progress of Banking in India report) के अनुसार, FY24 की पहली छमाही में फ्रॉड के मामलों की संख्या बढ़कर 14,483 हो गई, जो एक साल पहले 5,396 थी.

हालांकि वैल्‍यू के हिसाब से देखें तो ये आंकड़ा YoY 85% गिरकर 2,642 करोड़ रुपये हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल दर्ज की गई अधिकांश शिकायतें कार्ड या इंटरनेट फ्रॉड से संबंधित थीं.

वित्त मंत्रालय ने दिखाई गंभीरता

बढ़ती गड़बड़ियों को देखते हुए वित्त मंत्रालय भी गंभीर दिखा. मंत्रालय ने फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में साइबर सिक्योरिटी से संबंधित मुद्दों और हाल ही में ऑनलाइन फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं पर चर्चा करने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ नवंबर में एक मीटिंग की.

इस मीटिंग में चुनौतियों से निपटने के लिए बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों की तैयारियों और साइबर हमलों और धोखाधड़ी को कम करने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण (Focused Approach) की आवश्यकता जताई गई.

(With Inputs from PTI, Bloomberg and RBI Reports.)

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT