अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने श्रीलंका सरकार के विंड पावर प्रोजेक्ट को रद्द करने की खबरों को गलत और भ्रामक बताया है. अदाणी समूह के प्रवक्ता ने कहा कि श्रीलंका कैबिनेट का मई में स्वीकृत टैरिफ का पुनर्मूल्यांकन का फैसला समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है. ग्रुप श्रीलंका में 1 बिलियन डॉलर के अपने निवेश को लेकर प्रतिबद्ध है.
इससे पहले दिन में, AFP ने बताया कि श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके प्रशासन ने अदाणी ग्रुप की स्थानीय परियोजनाओं की जांच की. अदाणी ग्रुप देश के पोर्ट बुनियादी ढांचे के विस्तार में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। कोलंबो टर्मिनल परियोजना, जिसमें 1 बिलियन डॉलर का निवेश शामिल है, श्रीलंका के पोर्ट सेक्टर में सबसे बड़ा डायरेक्ट विदेशी निवेश है.
बता दें, अदाणी ग्रुप ने श्रीलंका में विंड पावर से जुड़े प्रोजेक्ट्स में 1 अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई थी. श्रीलंका की सरकार ने ने अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी के साथ एक करार किया था.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक इस करार के तहत श्रीलंका की सरकार ने मन्नार और पूनेरिन में विंड पावर स्टेशन बनाने की मंजूरी दी थी. श्रीलंका ने अदाणी ग्रीन एनर्जी के साथ दो विंड पावर स्टेशनों का निर्माण करने के लिए 20 साल का पावर परचेज एग्रीमेंट किया है. अदाणी ग्रुप ने श्रीलंका के साथ मन्नार और पूनेरिन गांव में दो विंड फार्म लगाने का करार किया है. कुल 484 मेगावाट क्षमता के लिए 740 मिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा.
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 3.1 गीगावाट कैपेसिटी जुड़ने के कारण अदाणी ग्रीन एनर्जी ऑपरेशनल कैपेसिटी में 37% की ग्रोथ हुई. कंपनी का वर्तमान एनर्जी पोर्टफोलियो 11.6 गीगावाट है. इस पोर्टफोलियो का कुल 67% हिस्सा सोलर एनर्जी, 18% हाइब्रिड पावर का हिस्सा है. कंपनी का लक्ष्य 2030 तक इस क्षमता को बढ़ाकर 50 गीगावाट करना है.