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ये एक इंफ्लुएंजा वायरस है जिसके लक्षणों में खांसी, खराश, बुखार हैं. इसकी वजह से देश में अब तक 2 लोगों की मौत की खबर है.
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ठंड, बलगम आना, बुखार, जुकाम, उल्टी, गले में दर्द, शरीर में दर्द, डायरिया और सांस लेने में दिक्कत होना इसके लक्षण हैं. अधिकतर लोगों ने सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, लगातार बुखार और गले में दर्द की शिकायत की है.
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खांसने, जुकाम और सामने बात करने से इसके फैलने की संभावना है. गर्भवती महिलाएं, बच्चे, पहले से बीमार लोगों को इस फ्लू से ग्रसित होने की ज्यादा संभावना है.
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पल्स ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें
ऑक्सीजन लेवल 95% से कम होने पर डॉक्टर से संपर्क करें
ऑक्सीजन लेवल 90% से कम हो, तो जरूरी इलाज की पूरी जरूरत है
खुद से इलाज की बजाय डॉक्टर की सलाह लें.
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आराम करें, पानी और दूसरे पेय पिएं. ओवर-द-काउंटर पेन किलर्स जैसे एसिटामिनोफेन (acetaminophen) और आइबुप्रोफेन (ibuprofen) से बुखार कम होता है और H3N2 इंफ्लुएंजा ट्रीटमेंट में मदद करता है. हाई रिस्क के समय डॉक्टर, एंटीवायरल ड्रग लेने की सलाह देते हैं.
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अपने हाथ समय-समय पर धोएं, मास्क पहनें, भीड़ में जाने से बचें, नाक और मुंह को खांसने और छींकने के समय पूरा बंद करें. पब्लिक में थूकने से बचें, डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवाई या एंटीबायोटिक्स लेने से बचें. हो सके, तो लोगों के साथ खाने में उचित दूरी बनाए रखें.
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